‘कहते हैं कि आमतौर पर झगड़ा पुरुष के अहम और स्त्री की ज़िद से शुरू होता है। नोक झोक तक तो ठीक है, लेकिन अगर तकरार लड़ाई-झगड़े में बदल जाए तो परिवार या रिश्तों के टूटने का सबब बन जाती है।’ यही बात उभरकर आई संडे थियेटर में 14 मार्च को हुए नाटक ‘द मैरिज प्रोपोजल’ में। सप्तक रंगमंडल और पठानिया वर्ल्ड कैंपस द्वारा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सहयोग से स्थानीय आईएमए हाल में हुए इस नाटक के माध्यम से संदेश दिया गया कि अगर हम अपने अहम और ज़िद की तिलांजलि दे दें तो संभवतः हमारे रिश्तों की मिठास बढ़ जाए और रिश्तों में प्रेम और सद्भावना के सुगंधित फूल महकने लगेंगे।
सप्तक के सचिव अविनाश सैनी ने बताया कि दुनिया के मशहूर नाटककार एंटोन चेखव द्वारा लिखित नाटक ‘द मैरिज प्रोपोजल’ का निर्देशक लोकेश मोहन खट्टर ने किया है। रंग प्रयास नाट्य मंच, हिसार की इस प्रस्तुति में सुमित, लोकेश गर्ग और काम्या ने मुख्य भूमिकाएं अदा की। स्नेहा, नवनीत और साहिल ने म्यूजिक, लाईट एंड साउंड तथा प्रोडक्शन आदि की जिम्मेदारी निभाईं। नाटक में एक युवा अपने पड़ोसी की बेटी से शादी का प्रपोजल लेकर जाता है। वे लोग भी इस रिश्ते के लिए राज़ी होते हैं, लेकिन बातचीत के दौरान हर बार अपने ज़िद और अहम के चलते वे कुत्तों की तरह लड़ने लग जाते हैं। अनेक हास्यस्पद घटनाओं के बाद नाटक का सुखद अंत होता है।
इस अवसर पर मुख्यातिथि के तौर पर पधारे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, रोहतक के संरक्षक डॉ. एसएल वर्मा ने कलाकारों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि कला, साहित्य और संस्कृति समाज में रचनात्मकता और संवेदनशीलता पैदा करते हैं। नाटक सामाजिक विकृतियों को सामने लाकर उनका हल प्रस्तुत करते हैं, परंतु दुःख की बात है कि पिछले कुछ सालों में युवाओं की इन चीजों में रुचि कम हुई है। इस के कारण उनमें तनाव, निराशा, गुस्सा, असहिष्णुता, व्यक्तिवाद आदि समस्याओं में बढ़ोतरी हुई है। विशिष्ट अतिथि एवं समाजसेवी हेमंत बख्शी ने कहा कि विश्वदीपक त्रिखा की अगुवाई में सप्तक, पठानिया स्कूल व आईएमए ने स्थानीय कलाकारों और नाट्य प्रेमियों के लिए संडे थियेटर के रूप में एक अच्छी पहल की है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस रचनात्मक प्रयास को जारी रखने के लिए वे हर तरह की मदद के लिए तैयार हैं।
नाट्य संध्या में डॉ. आर के चौधरी, डॉ. हरीश वशिष्ठ, एसएस हुड्डा, गुड़गांव से आए सुरेश वशिष्ठ, अंशुल एवं तन्वी पठानिया, पत्रकार सुनीत धवन, प्रिंसिपल परमभूषण आर्य, डॉ. संजय जिंदल, डॉ. नकवी, डॉ. जेएन शर्मा, ब्रह्मप्रकाश, डॉ. बलजीत सिंह, मधु चोपड़ा भी विशेष रूप से उपस्थित थे। सुजाता रोहिल्ला, डॉ. सुरेन्द्र कृष्ण, रिंकी बत्रा, विकास रोहिल्ला, मनोज कुमार, यतिन वधवा ने आयोजन में मुख्य भूमिका निभाई। गौरतलब है कि नाट्य संध्या का आयोजन हर रविवार को शाम 6.30 बजे स्थानीय आईएमए हाल में किया जाता है। प्रवेश सभी के लिए निःशुल्क रहता है।