कोविड 19 के कारण अमेरिका और पूरी दुनिया में हुई तबाही का ठीकरा चीन के सिर फोड़ने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चाल एक बार फिर नाकाम हो गई है। इस बार उनकी इस चाल को नाकाम करने का काम खुद अमेरिका की खुफिया एजेंसी ने किया है। अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने 30 अप्रैल को यह दावा किया है कि चीन से निकला कोरोना वायरस न तो मानव निर्मित है और न ही जेनेटिकली मोडिफाइड। नेशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर ऑफिस की ओर से जारी यह बयान निस्संदेह चीनी साजिश की थ्योरी के उलट है। अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने स्पष्ट किया है कि, ‘खुफिया समुदाय व्यापक वैज्ञानिक मत से सहमत है कि कोविड 19 वायरस मानव निर्मित भी नहीं है और जेनेटिकली मोडिफाइड भी नहीं है। खुफिया समुदाय इस बात की गंभीरता से जांच जारी रखेगा कि क्या यह महामारी किसी संक्रमित जानवर के संपर्क में आने से शुरू हुई थी या फिर वुहान की लेबोरेट्री में हुई किसी दुर्घटना का नतीजा थी।’
गौरतलब है कि अमेरिका और उसके सहयोगी, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, जर्मनी द्वारा चीन पर वुहान की प्रयोगशाला में जैविक हथियार के तौर पर कोरोनावायरस तैयार करने और उसे जानबूझकर दुनियाभर में फैलने का आरोप लगाते रहे हैं। यसी कड़ी में चीन पर अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में केस किए गए। डब्ल्यूएचओ पर चीन के हित में फैसले लेने का आरोप लगाकर अमेरिका द्वारा उसकी फंडिंग बंद कर दी गई। 28 अप्रैल को ट्रम्प ने चीन से हर्जाना वसूलने की बात कही। साथ ही, अमेरिका के सहयोगी देशों ने अपने वैज्ञानिकों को वुहान की लैब में भेजकर जांच कराने का दबाव भी बनाया। ये देश बाकी देशों को भी चीन के खिलाफ एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन बीच-बीच में चीन के पक्ष में ऐसी रिपोर्ट आ जाती हैं, जो ट्रंप और उनके साथियों के खेल को खराब कर देती हैं। अब तो खुद अमेरिका की खुफिया एजेंसी ने ट्रंप का खेल बिगाड़ दिया है।
असल में, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप अपने देश में हुई भारी मानवीय और आर्थिक तबाही के लिए काफी समय से चीन को बलि का बकरा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। चीन और अमेरिका के बीच चल रही आर्थिक हितों की लड़ाई इसका प्रमुख कारण है, जिसके चलते अमेरिका उसे अपराधी साबित कर उस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने और दुनिया में अलग-थलग करना चाहता है। ट्रंप को साल के अंत में इलेक्शन में भी उतरना है। वे चाहते हैं कि देश में आई भारी मंदी से उपजी समस्याओं से लोगों का ध्यान हटाकर एक बिंदु पर केंद्रित कर दिया जाए। सम्भव है कि उन्होंने चीन को उसी बिंदु के तौर पर चिह्नित किया है। इसीलिए वे बार-बार चीन को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश करते हैं, लेकिन हर बार उनकी चाल बेनकाब हो जाती है।