संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 जनवरी 2021 के लिए “किसान गणतंत्र दिवस परेड” की योजना को सांझा किया है। मोर्चा ने कहा कि देश के अन्नदाता देश के जवानों के साथ गणतंत्र दिवस मनाना चाहते हैं और एक अनुशासित परेड निकालकर नागरिक के तौर पर अपने गर्व को बरकरार रखना चाहते हैं। मोर्चे के नेताओं ने कहा, “किसी भी असामाजिक तत्व को इसमें घुसपैठ करने की अनुमति नहीं दी जाएगी”। मोर्चे ने हरियाणा और दिल्ली पुलिस से सहयोग का आग्रह भी किया है। उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर परेड शांतिपूर्ण तरीके से होगी और यह आधिकारिक गणतंत्र दिवस परेड को बाधित नहीं करेगी। किसी भी राष्ट्रीय विरासत स्थल या अन्य साइट पर कोई खतरा नहीं होगा।
17 जनवरी को एक प्रेसनोट जारी करके मोर्चा नेताओं ने कहा कि परेड आउटर रिंग रोड पर होगी। परेड के वाहनों में झांकियां शामिल होंगी जो ऐतिहासिक, क्षेत्रीय और अन्य आंदोलनों के प्रदर्शन के अलावा विभिन्न राज्यों की कृषि वास्तविकता को दर्शाएंगी। सभी किसान वाहनों पर भारत के राष्ट्रीय ध्वज को फहराया जाएगा। इसमें किसान संगठनों के झंडे भी होंगे, लेकिन किसी भी राजनीतिक पार्टी के झंडे को अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि परेड में आंदोलन के शहीद किसानों के परिवारों, रक्षा सेवा कर्मियों, सम्मानित खिलाड़ियों, महिला किसानों आदि की भागीदारी होगी। परेड में कई राज्यों का प्रतिनिधित्व होगा।
किसान नेताओं ने कहा कि जो लोग इस परेड में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली नहीं आ सकते, वे अनुशासन और शांति के साथ समान मानदंडों के साथ राज्य की राजधानियों और जिला मुख्यालयों पर परेड का आयोजन करेंगे। मोर्चे ने सभी नागरिकों से आगे आकर अपना समर्थन देने और एकजुटता व्यक्त करने के लिए परेड देखने की अपील की।
मोर्चा नेताओं ने दावा किया कि आगामी दिनों में देश भर के किसान दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि नवनिर्माण कृषक संगठन के नेतृत्व में ओडिशा से दिल्ली के लिए रवाना हुए किसानों का एक बड़ा जत्था झारखंड होते हुए दिल्ली पहुंचेगा। रास्ते में जगह-जगह पर जत्थे का ज़ोरदार स्वागत किया जा रहा है। महाराष्ट्र के सैकड़ों आदिवासी किसान, जिनमें ज्यादातर महिलाएं हैं, पहले ही शाहजहांपुर मोर्चे पर पहुंच गए हैं। इधर, कर्नाटक के बेलागवी में, 17 जनवरी को अमित शाह की यात्रा के अवसर पर आयोजित एक विरोध प्रदर्शन के दौरान वहां के कई किसान नेताओं ने गिरफ्तारी दी।
इसके अलावा, सयुंक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन के समर्थकों और ट्रांसपोर्टरों आदि सेवा प्रदाताओं के खिलाफ एनआईए के इस्तेमाल की कड़ी निंदा की है। किसान नेताओं ने कहा कि उन्हें सिर्फ पूछताछ के लिए सम्मन ही नहीं दिया गया है, बल्कि केंद्र सरकार ने पंजाब में कई लोगों के खिलाफ मामलों की शुरूआत भी कर दी है। यह सब सरकार के साथ पिछली बैठक में इस मुद्दे पर स्पष्ट रूप से चर्चा होने और सरकार से आश्वासन मिलने के बावजूद हो रहा है।
किसान नेता दर्शन सिंह ने कहा कि हर दिन कई किसान हमसे जुदा हो रहे हैं। इस आंदोलन में अब तक 131 किसान शहीद हो चुके हैं। सयुंक्त किसान मोर्चा इन शहीद किसानों को श्रद्धांजलि देता है और उनके परिवारों के साथ खड़ा है। अब तक शहीद हुए किसानों के लिए एक अखंड ज्योति शुरू की जाएगी।
संयुक्त किसान मोर्चा ने पूरे देश के लोगों से अपील की है कि वे कॉरपोरेट घरानों, खासकर अंबानी और अडानी के उत्पादों और सेवाओं का बहिष्कार करें। हम लोगों से भाजपा और एनडीए के उसके सहयोगियों की वास्तविकता को उजागर करने की भी अपील करते हैं, उनका हर क्षेत्र में विरोध किया जाए।