एक अप्रैल, यानी नए वित्त वर्ष की शुरुआत से कई जरूरी नियम बदलने जा रहे हैं, जो आप पर भी सीधे प्रभाव डालेंगे। इनमें बैंकों के विलय से लेकर जीएसटी रिटर्न के नियमों में होने वाला बदलाव शामिल है।
बैंकों का विलय : अप्रैल से देश के 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाए जाएंगे। यह देश के वित्तीय क्षेत्र का सबसे बड़ा विलय होगा। अगर आपका खाता इन बैंकों में है तो आपको कुछ बदलावों की सूचना अपने बिलों/ किस्तों को काटने वाले बैंकों को देनी होगी।
नया आयकर स्लैब : 1 अप्रैल 2020 से आयकर के नए सिस्टम को लागू कर दिया जाएगा। नए सिस्टम में खास बात होगी कि बिना कोई बचत किए भी करदाता आयकर में छूट प्राप्त कर सकेगा। हालांकि, ये पूरी तरह से वैकल्पिक व्यवस्था होगी।
वितरण कर के नियम बदले : कंपनियों और म्यूच्यूअल फंड्स हाउस की ओर से दिए जाने वाले डिविडेंड पर 10% वितरण कर समाप्त कर दिया गया है। अब यह टेक्स लाभांश पाने वाले निवेशक को देना होगा।
ईपीएफ और एनपीएस पर टैक्स : अब अगर कोई नियोक्ता ईपीएफ, एनपीएस या सुपर-एनुएशन में 7.5 लाख सालाना से ज्यादा निवेश करेगा, तो संबंधित कर्मचारी को टैक्स देना पड़ेगा।
स्टार्टअप को राहत : स्टार्टअप के ईशॉप पर 5 साल तक टैक्स में छूट दी गयी है। इसमें कंपनियां अपने कर्मियों को शेरों में हिस्सेदारी देती हैं।
मोबाइल पर जीएसटी बढ़ी : मोबाइल पर जीएसटी 12% से बढ़ाकर 18% कर दी गई है। 1 अप्रैल से नई दरें लागू होने के बाद 20,000 रुपए का मोबाइल लगभग 1200 रुपए महंगा हो जाएगा।
इसके अलावा कुछ और नियम हैं जो नए वित्त वर्ष की शुरुआत से लागू करने का फैसला लिया गया था। इनमें से निस्संदेह कुछ के क्रियान्वयन पर कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन का असर पड़ेगा।
विदेश जाना महंगा होगा : सरकार ने 1 अप्रैल से विदेश यात्रा के कुल पैकेज के ऊपर स्रोत पर कर वसूली (टीसीएस) का फैसला लिया था। जाहिर है कि वित्त वर्ष 2020-21 की शुरुआत से विदेश यात्रा पर पांच फीसदी टैक्स चुकाना पड़ सकता है।
नए वाहन नियम : 31 मार्च से देश में बीएस-4 वाहन न बेचने और 1 अप्रैल से सिर्फ बीएस-6 मानक वाले वाहनों की ही बिक्री का फैसला लिया गया था। हालांकि, कोरोना संकट के चलते सुप्रीम कोर्ट ने बीएस-4 वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर सशर्त 10 दिन की छूट प्रदान की है, जो संकट के लंबा खिंचने पर आगे भी बढ़ सकती है।
नया जीएसटी रिटर्न फॉर्म : जीएसटी परिषद की 31वीं बैठक में एक अप्रैल से नया जीएसटी रिटर्न फॉर्म लाने पर फैसला हुआ था। नया फॉर्म काफी सरल होगा और रिटर्न भरने में आसानी होगी।
दवाइयों से जुड़ा नियम : सरकार ने सभी मेडिकल डिवाइस को नए वित्त वर्ष से ड्रग्स घोषित करने का फैसला किया है। ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक की धारा 3 के तहत अब इंसानों और जानवरों के लिए इस्तेमाल होने वाले उपकरणों को औषधि की श्रेणी में रखा जाएगा।
लोन के लिए नए मानक : छोटे और मझोले कारोबारियों को नए वित्त वर्ष से नए मानकों पर कर्ज मिलेगा। कारोबारियों को परिवर्तनशील ब्याज दरों पर दिए जाने वाले सभी नए लोन को अब ‘रेपो’ जैसे बाहरी मानकों से जोड़ा जाएगा। इससे ब्याज दर में कमी आएगी।
पेंशन में बढ़ोतरी : सरकार ने एम्प्लॉई पेंशन स्कीम (ईपीएस) के नियम में बदलाव किया है। इसके तहत 26 सितंबर, 2008 से पहले रिटायर हुए करीब 6 लाख लोगों को 1 अप्रैल, 2020 से ज्यादा पेंशन मिलेगी।