आखिरकर भारत सरकार ने देश के कमजोर आर्थिक वर्ग के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का एलान कर दिया है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 26 मार्च को इस पैकेज का एलान किया। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन से किसी को भूखा नहीं रहने दिया जाएगा। सरकार इसका इंतजाम करेगी और लोगों के खाते में सीधे पैसे डालेगी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के नाम से शुरू की गई इस योजना से अगले 3 महीनों तक लगभग 80 करोड़ गरीब आबादी को फायदा होगा। यह देश की कुल आबादी का दो-तिहाई बनता है।
वित्तमंत्री ने जो कहा –
- स्वास्थ्यकर्मियों का 50 लाख का बीमा : कोरोना से लड़ाई में अपनी जान जोखिम में डालकर दिन-रात काम कर रहे डॉक्टर और नर्स सहित सभी स्वास्थ्यकर्मियों को 50 लाख रुपए के मेडिकल इंश्योरेंस की सुविधा मिलेगी। इससे करीब 20 लाख लोगों को फायदा होगा।
- गरीबों को तीन महीने तक मुफ्त राशन : योजना के तहत हर गरीब व्यक्ति को अगले 3 माह तक 5 किलो गेहूं और 5 किलो चावल मुफ्त दिया जाएगा। एक परिवार को एक किलोग्राम दाल भी मुफ्त दी जाएगी। यह राशन पहले से पीडीएस के तहत हर महीने मिल रहे 5 किलो राशन के अलावा होगा। इससे 80 करोड़ लोगों को राहत मिलेगी।
- किसानों के खाते में 2000 रुपए डाले जाएंगे : सरकार किसान निधि के तहत अप्रैल के पहले हफ्ते में 2000 रुपए की पहली किश्त किसानों के खाते में डालेगी। इसका लाभ 8.70 करोड़ किसानों को मिलेगा।
- मनरेगा में मजदूरी बढ़ाई : ग्रमीण क्षेत्र में मनरेगा के तहत मजदूरी को182 रुपए से बढ़ाकर 202 रुपए किया गया है। इसका फायदा 5 करोड़ परिवारों को मिलेगा।
- 60 साल के ज्यादा उम्र के लोगों, विधवाओं और दिव्यांगो को 1000 रुपए की अतिरिक्त सहायता दी जा रही है। इसे दो किस्तों में दिया जाएगा और पैसा डायरेक्ट ट्रांसफर के माध्यम से सीधे खाते में जाएगा। इसका 3 करोड़ लोगों को फायदा होगा।
- महिलाओं को हर महीने 500 रुपए :
जनधन अकाउंट रखने वाली महिलाओं को अगले 3 माह तक हर महीने 500 रुपए की सहायता दी जाएगी। इसका फायदा 20.5 करोड़ महिलाओं को मिलेगा। - मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर तीन महीने तक :
उज्ज्वला स्कीम के तहत 8.3 करोड़ गरीब परिवारों को तीन महीने तक फ्री सिलेंडर दिया जाएगा। - एसएचजी को 20 लाख रुपए का लोन : महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के लिए दिनदयाल योजना के तहत अभी तक 10 लाख रुपए का कौलेटरल फ्री लोन दिया जाता था। पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत इसे बढ़ाकर अब 20 लाख कर दिया गया है। इसका फायदा 7 करोड़ परिवारों को फायदा मिलेगा। ऐसे एसजीएच की संख्या देश में 63 लाख है। अब ये लोग बिना बैंक में संपत्ति गिरवी रखे 20 लाख रुपए तक का लोन ले सकेंगे।
- ईपीएफ में कर्मचारी का पैसा सरकार जमा करेगी : संगठित क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड का हिस्सा अब सरकार द्वारा दिया जाएगा। कर्मचारी द्वारा दी जाने वाली 12 फीसदी रकम के अलावा नियोक्ता के हिस्से की 12 फीसदी रकम का भुगतान भी अब सरकार करेगी। यानी, सरकार कुल 24 फीसदी का योगदान करेगी। यह नियम उन संस्थानों पर लागू होगा, जिनमें कर्मचारियों की संख्या 100 है और 90 फीसदी कर्मचारियों का मासिक वेतन 15000 रुपए से कम है।
- ईपीएफ से ज्यादा रकम निकालने की छूट : कोरोना महामारी के चलते सरकार ईपीएफ स्कीम के नियम बदल रही है। अब कर्मचारियों को अपने ईपीएफ में जमा 75 फीसदी राशि, या 30 महीने के वेतन के बराबर रकम (जो कम हो) निकालने की सुविधा दी जााएगी। इसके तहत 4.8 करोड़ कर्मचारियों को फायदा होगा।
- कंस्ट्रक्शन क्षेत्र के कर्मचारियों की मदद : केंद्र सरकार के पास कंस्ट्रक्शन क्षेत्र के कामगारों के लिए पहले से वेल्फेयर फंड है, जिसमें 31000 करोड़ रुपए जमा हैं। अब राज्य सरकारों को इस फंड के पैसे से कंस्ट्र्क्शन क्षेत्र के कर्मचारियों की मदद करने को कहा जाएगा। इसका फायदा 3 करोड़ वर्कर्स को मिलेगा।
- कोरोना की जांच और इलाज के लिए डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड : वित्तमंत्री के अनुसार मेडिकल जांच, स्क्रीनिंग, दवा आदि के लिए राज्य सरकारों को डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड के पैसे का इस्तेमाल करने को कहा जाएगा। इससे जिलों में कोरोना से संबंधित जांच के काम में मदद मिलेगी। यह फंड राज्य सरकारों के पास उपबल्ध होता है।