छह बार के विधायक और हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्रीकृष्ण हुड्डा नहीं रहे।पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के करीबी रहे श्रीकृष्ण हुड्डा रोहतक के खड़वाली गांव के निवासी थे। वे तीन बार किलोई से और लगातार तीन बार सोनीपत जिले के बरोदा विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे हुड्डा ने आज, 12 अप्रैल को अंतिम सांस ली।
श्रीकृष्ण हुड्डा पहली बार 1987 मे विधानसभा में पहुंचे थे। इसके बाद 1996 और 2005 में वे फिर किलोई से चुने गए। हुड्डा 2009, 2014 और अब 2019 में लगातार तीन बार बरोदा विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल करने में कामयाब रहे। 2019 के चुनाव में खराब स्वास्थ्य के बावजूद कांग्रेस ने श्रीकृष्ण हुड्डा को ही मैदान में उतारा और वे जीत कर आए।
पंचायत चुनाव से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले श्रीकृष्ण हुड्डा दो बार अपने गांव खिड़वाली के सरपंच रहे थे। उसके बाद 1987 में पहली बार लोकदल की टिकट पर विधायक बने। फिर 1996 में चौटाला की समता पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़कर विधानसभा में पहुंचे। कभी देवीलाल परिवार के करीबी रहे हुड्डा 2005 में कांग्रेस में शामिल हो गए। 2005 के चुनाव में वे कांग्रेस की टिकट पर किलोई विधानसभा से विधायक चुने गए। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने उनके लिए अपनी सीट छोड़ने का फैसला लिया विधानसभा से इस्तीफा दे दिया।
साल 2008 के परिसीमन में बरोदा हल्का सामान्य हो जाने के बाद कांग्रेस ने 2009 में श्रीकृष्ण हुड्डा को यहां से चुनाव मैदान में उतारा और उन्होंने बड़े मार्जिन से जीत दर्ज की। 2014 में भी उनकी जीत का सिलसिला जारी रहा। इसके बाद 2019 में स्वास्थ्य समस्याओं के बावजूद उन्होंने फिर से जीत का छक्का जड़ा और दिग्गजों को मात देते हुए विधानसभा में प्रवेश किया।