कतर के दोहा शहर में चल रही 14वीं एशियन शूटिंग चैंपियनशिप के टीम इवेंट में हरियाणा की रायफल शूटर काजल सैनी एक गोल्ड और एक कांस्य पदक जीतने में सफल रही हैं। स्थानीय सैनीपुरा निवासी काजल ने 8 नवंबर को तेजस्विनी सावंत और अंजुम मुद्गिल के साथ मिलकर 50 मीटर रायफल प्रोन इवेंट में गोल्ड मेडल जीता। इवेंट में भारतीय महिला टीम ने 1864.8 पॉइंट हासिल किए। 1862.4 अंकों के साथ चीन दूसरे और 1855.5 अंकों के साथ कोरिया तीसरे स्थान पर रह। व्यक्तिगत स्पर्धा में काजल छठे स्थान पर रहीं।
भारत की तीसरे नम्बर की इस युवा खिलाड़ी ने अगले दिन भी उम्दा प्रदर्शन किया और 50 मीटर रायफल थ्री पोजीशन (टीम इवेंट) में कांस्य पदक जीतने में कामयाबी हासिल की। इस इवेंट में काजल ने तेजस्विनी सावंत व गायित्री नित्यानंदम के साथ मिलकर भारत का प्रतिनिधित्व किया। क्वालिफिकेशन में तेजस्विनी चौथे, काजल 13वें और गायित्री 16वें स्थान पर रहीं।
काजल के पिता एवं सैनी शिक्षण संस्थाओं के पूर्व अध्यक्ष विजय सैनी ने बताया कि काजल की बैक-टू-बैक उपलब्धि से घर में उत्सव जैसा माहौल है। बधाई देने के लिए मित्रों व सगे-सम्बंधियों का घर आने-जाने का सिलसिला बना हुआ है। मैच खत्म होने के तुरंत बाद काजल ने फोन के जरिये दूसरा मेडल जीतने की सूचना दी जिससे उनकी खुशी दुगनी हो गई। माता सुनीता सैनी ने कहा कि दो दिन में दो मेडल जीतकर काजल ने रोहतक, हरियाणा व भारत का नाम रोशन करने के साथ-साथ उनको भी गौरांवित कर दिया है। वे पिछले साल से ही काजल के इंटरनेशनल मेडल जीतने की बाट जोह रहे थे। इससे पूर्व, मलेशिया व जर्मनी में हुए टूर्नामेंट में भी वह मामूली अंतर से पदक जीतने से रह गई थी।
काजल के कोच मनोज कुमार ने बताया कि काजल ने पिछले 2 वर्षों से नेशनल चैंपियनशिप के राइफल शूटिंग इवेंट के सीनियर वर्ग में हरियाणा की ओर से सर्वाधिक मेडल जीते हैं। काजल जर्मनी, मलेशिया, चीन व ब्राजील में हुए इंटरनेशनल टूर्नामेंट में भी हिस्सा ले चुकी हैं।
गौरतलब है कि काजल ने 5 साल पहले राजकीय महिला महाविद्यालय, रोहतक में बीएससी की पढ़ाई के दौरान एनसीसी कैडेट के तौर पहली बार रायफल हाथ में पकड़ी थी। एनसीसी की पहली ही शूटिंग स्पर्धा में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया और मेडल जीतने में कामयाब रहीं। उसके बाद उन्होंने इस खेल को अपना कैरियर बना लिया और लगातार सफलता हासिल करती गईं।
काजल ने दोहा से फोन पर बताया कि इस मैच को लेकर उन पर काफी दबाव था। प्रोन इवेंट में गोल्ड मेडल जीतने के कारण उन्हें लेकर सभी की उम्मीदें काफी बढ़ गई थीं, मगर उन्होंने अपनी एकाग्रता भांग नहीं होने दी और स्वाभाविक गेम खेला।