
विश्व रंगमंच दिवस और होली के उपलक्ष्य पर इस बार संडे थियेटर में तीन कहानियों का मंचन किया गया। चुनी गई कहानियों में दक्षिण एशिया के मशहूर लेखक ‘सआदत हसन मंटो’ की कहानी ‘टोबा टेकसिंह’ और भारतीय सिनेमा के सशक्त हस्ताक्षर ‘गुलजार’ की कहानी ‘सीमा’ तथा ‘रावी पार’ शामिल रहीं। सप्तक रंगमंडल, पठानिया वर्ल्ड कैंपस और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा स्थानीय आईएमए हाल में हुए इन एकल नाटकों का निर्देशन नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा की ग्रेजुएट ‘सुनीता तिवारी नागपाल’ ने किया।
तीन में से दो नाटकों, ‘टोबा टेक सिंह’ और ‘रावी पार’ में आज़ादी के समय हुए बंटवारे की पीड़ा के विभिन्न रूपों को दर्शाया गया। टोबा टेकसिंह भारत-पाक सीमा के पास स्थित पागलखाने की कहानी है। बंटवारे के बाद जब हिन्दू-सिख और मुस्लिम पागलों को बांटने की बारी आती है, तो वे तथाकथित समझदार लोगों द्वारा भाई-भाई के बीच खींची गई सरहद की दीवार को मनाने से इंकार कर देते हैं और साथ में रहने के लिए अड़ जाते हैं। बिशन सिंह का गांव टोबा टेक सिंह पाक के हिस्से में रह जाता है, तो वह भारत आने की बजाय सरहद के बीचों-बीच ‘ज़ीरो लाइन’ पर अपने प्राण त्याग देता है। ‘रावी पार’ बंटवारे के समय पाक से पलायन करके भारत आने वाले एक परिवार की दुखभरी कहानी है। पलायन के समय इनका एक नवजात बच्चा ट्रेन में गुजर जाता है। लेकिन डर, चिंता, अवसाद और घबराहट उन पर इतना हावी हो जाते हैं कि वे गलती से अपने स्वस्थ बच्चे को भी रावी में फेंक बैठते हैं और इस तरह अपने दोनों बच्चों को खो देते हैं। इन से अलग, सीमा में एक महिला की मनःस्थिति और उसके जीवन के द्वंद्वों को दिखाया गया। टोबा टेक सिंह में हेमंत गौतम, सीमा में साउद नियाज़ी तथा रावी पार में रामगोपाल ने मुख्य भूमिकाएं निभाई और अपने सशक्त अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लिया।


ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर एडवोकेट एवं उपभोक्ता फोरम रोहतक की पूर्व न्यायिक सदस्य रेणु चौधरी मुख्यातिथि और वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. एनके मग्गू विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे। अविनाश सैनी, सुभाष नगाड़ा, महक कथूरिया और विश्वदीपक त्रिखा ने स्मृति चिह्न एवं बुके देकर अतिथियों का स्वागत किया। नाट्य संध्या में सुनित धवन, राघवेन्द्र मालिक, दुष्यंत कुमार, सुनित मुखर्जी, कृष्ण नाटक, श्रीभगवान शर्मा, अनिल सैनी, सुरेखा, ब्रह्मप्रकाश, जगदीप जुगनू, शक्ति सरोवर त्रिखा, विकास रोहिल्ला, डॉ. सुरेन्द्र कृष्ण, अमित शर्मा और मनोज भी मुख्य रूप से उपस्थित रहे। मंच संचालन सुजाता ने किया।

बता दें कि संडे थियेटर की यह 11वीं प्रस्तुति थी।संडे थियेटर का आयोजन हर रविवार को शाम 6.30 बजे स्थानीय आईएमए हाल में किया जाता है। प्रवेश सभी के लिए निःशुल्क रहता है।
