
‘जिंदगी में कुछ बनना है तो रिस्क तो लेना ही पड़ेगा।… गांव, जहां सुकून तो है, पर फ्यूचर नहीं है।…भीड़ में खोने के डर से भागकर गांव चले जाना आसान है जैसे आसान था गांव से भागकर यहां चले आना।… बस तुमने यही गलती कर दी कि तुम्हें सब कुछ जल्दी चाहिए, इसलिए मेहनत करने की बजाय शॉर्टकट अपनाया।’ ये हैं कुछ संवाद, 28फरवरी को संडे थियेटर में आयोजित नाटक ‘आई लव हर, आई लव हिम’ से, जो शहर की चकाचौंध और सफलता की अंधी दौड़ में फंसे युवाओं की मनःस्थिति को दिखाने के लिए काफी हैं। सप्तक रंगमंडल और पठानिया वर्ल्ड कैंपस के साप्ताहिक आयोजन संडे थियेटर में फोर्थवाल प्रोडक्शन की ओर से अमित कुमार द्वारा प्रस्तुत इस नाटक के लेखक-निर्देशक डॉ. अंकुश शर्मा और तकनीकी निर्देशक दीपक पुष्पदीप थे। नाटक में नरेश ठाकुर, खुशी गर्ग, दीपक गर्ग और अंकुश शर्मा ने अहम भूमिकाएं निभाईं।
नाटक की कहानी सफलता के सपने लेकर गांव से शहर आए आकाश नामक युवक के इर्दगिर्द घूमती है, जो सब कुछ जल्दी से हासिल करना चाहता है। वह धैर्य के साथ मेहनत करने की बजाए शॉर्टकट अपनाता है, जिसके चलते उसके साथ काम करने वाली गगन गर्लफ्रैंड बनकर और उसका दोस्त गैग्स ट्रांसजेंडर बनकर आकाश को अपने प्यार के जाल में फंसा लेते हैं। आकाश दोनों के प्यार के बीच झूलता रहता है और तय नहीं कर पाता कि उसका आकर्षण किस की तरफ अधिक है। जल्दी अमीर बनने के लिए किडनी बेचने के अवैध धंधे में फंसे गगन और गैग्स आकाश की हालत का फायदा उठाते हैं और उसकी किडनी का भी सौदा कर लेते हैं। अंत मे आकाश को उनकी चाल का पता चल जाता है और वह उनका खून कर देता है। इस तरह तीन युवाओं की ज़िंदगी तबाह हो जाती है। हास-परिहास के साथ युवाओं के मन की गहरी टीस को अभिव्यक्त करते इस नाटक में अनेक ऐसी परिस्थितियां बनती हैं जो हमें अंदर तक हिला देती हैं।
इस अवसर पर मुख्यातिथि के रूप में पधारे आईएमए के अध्यक्ष डॉ. जेपी अरोड़ा ने कलाकारों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि संडे थियेटर में नाटकों के माध्यम से समाज को विभिन्न मुद्दों के प्रति संवेदनशील बनाने का जो प्रयास किया जा रहा है, वह वास्तव में सराहनीय है। उन्होंने कहा कि यह रोहतक की खुशकिस्मती है कि यहां विश्वदीपक त्रिखा जैसे रंगकर्मी हैं, जो नाटकों के प्रचार-प्रसार के लिए तन-मन-धन से समर्पित हैं। उन्होंने कहा कि आईएमए उनके इस प्रयास में हमेशा साथ रहेगा। नाट्य संध्या में डॉ. सोनिया, डॉ. हरीश वशिष्ठ, पठानिया स्कूल के निदेशक अंशुल एवं तन्वी पठानिया, पत्रकार धर्मेन्द्र कंवारी, सुनित मुखर्जी, सुभाष नगाड़ा, सम्पूर्ण बागड़ी, डॉ. नक़वी, अनिल भाटिया, गुलाब सिंह, अविनाश सैनी, विकास रोहिल्ला, डॉ. सुरेन्द्र शर्मा, मनोज कुमार, रिंकी बत्रा, प्रीति शर्मा और वीरेंद्र फोगाट सहित अनेक कलाकार एवं नाट्य प्रेमी उपस्थित थे। मंच संचालन राज आर्य और सुजाता रोहिल्ला ने किया।
आपको बता दें कि संडे थियेटर में हर रविवार को सायं 6.30 बजे स्थानीय आईएमए हाल में एक नए नाटक का मंचन किया जाता है। कोई भी व्यक्ति आकर नाटकों का लुत्फ उठा सकता है। प्रवेश पूर्णतः निःशुल्क रहता है।



