सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश के 1983 पीटीआई की भर्ती रद्द करने के पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया है। इससे 2010 में भर्ती हुए इन फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर्स (पीटीआई) की नौकरी पर गाज गिरी है और उनको हटाया जाना तय है। अभी तक सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें हटाने के हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगा रखी थी और ये शिक्षक नौकरी कर रहे थे। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला आने के बाद अंतरिम रोक आदेश समाप्त हो गया है और इनकी नौकरी जानी तय है। पंजाब हरियाणा हाइकोर्ट ने चयन में अनियमितता के आधार पर पीटीआई की भर्ती को रद्द कर दिया था, जिसके खिलाफ शिक्षक सुप्रीम कोर्ट चले गए थे।
हाइकोर्ट के फैसले को सही ठहराया
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने 8 अप्रैल को हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली पीटीआई की अपीलों का निपटारा करते हुए यह फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने भर्ती रद्द करने के हाइकोर्ट के फैसले को सही माना है। सुप्रीम कोर्ट का विस्तृत फैसला अभी प्राप्त नहीं हुआ है। याचिकाकर्ता शिक्षकों के वकील देवाशीष भारुका ने बताया कि वैसे तो वे भी कोर्ट के विस्तृत आदेश का इंतजार कर रहे हैं लेकिन आदेश का जो सीमित अंश कोर्ट ने पढ़ा उसके मुताबिक जो अध्यापक पिछले दस वर्ष से नौकरी कर रहे हैं, उनसे वेतन की वसूली नहीं होगी। सेवानिवृत हो चुके लोगों से भी वसूली नहीं की जाएगी। इसके अलावा कोर्ट ने कहा है कि पांच महीने के अन्दर नए सिरे से चयन प्रक्रिया शुरू करके नई भर्ती की जाए। भारुका का कहना है कि नए चयन का क्या तरीका होगा, यह अभी पता नहीं है। विस्तृत फैसला प्राप्त होने के बाद ही इस बारे में पता चलेगा।