हरियाणा में कोरोना वायरस के इलाज में लगे डाक्टरों, नर्सों, पैरामैडिकल स्टाफ, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों तथा एंबूलेंस और टेंस्टिंग लैब के स्टाफ सहित देखभाल में लगे विभिन्न कर्मियों को कोरोना पीरियड के दौरान दोगुणा वेतन दिया जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यह घोषणा 9 अप्रैल को डॉक्टरों, सिविल सर्जनों, विभिन्न चिकित्सा संस्थानों के पदाधिकारियों और इंडियन मैडीकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों आदि से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत करते हुए की।
एक्सग्रेशिया स्कीम का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत ऐसे सभी कर्मचारियों को राज्य सरकार द्वारा कवर किया जाएगा, जो केन्द्र सरकार की घोषित स्कीम में पात्र नहीं हैं। इसके तहत डॉक्टर को 50 लाख, नर्स को 30 लाख, पैरामैडिक्स को 20 लाख और चतुर्थ श्रेणी कर्मी को 10 लाख रूपए की एक्स-ग्रेशिया का लाभ दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य के निजी अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल्स और अन्य कर्मचारियों को भी सरकारी क्षेत्र में काम करने वालों की तर्ज पर एक्सग्रेशिया मुआवजे का लाभ दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टर और नर्स सेनापति के रूप में इस महामारी से लड़ रहे हैं। इसके अलावा, मैनेजमेंट, पैरामैडिकल्स तथा टेस्टिंग लैब व एंबूलेंस के कार्य में लगे लोग भी अपनी और अपने परिवार की परवाह किए बिना दिन-रात काम पर डटे हैं। उन्होंने कहा कि सब को एक टीम के रूप में काम करते हुए इस संकट से पार पाना है। सरकार उन्हें किसी तरह की दिक्कत नहीं आने देगी।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए जनता भी हर दृष्टि से अपना योगदान व सहयोग दे रही है। उन्होंने विशेष रूप से धार्मिक-सामाजिक संगठनों और हजारों की संख्या में सेवा में जुटे स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं की सराहना करते हुए कहा कि गरीब व असहाय लोगों की मदद के लिए आगे आए ये सब मानवता के सच्चे सिपाही हैं।