– SUPVA के विद्यार्थियों को सीखने का नया मंच मिला– सुपवा के स्टूडेंट ने इंसानियत के प्रति प्रेम के लिए जान कुर्बान करने का रोंगटे खड़े कर देने वाला अभिनय किया– अमित शर्मा के गाने ने बांधा समां रोहतक, 25 अक्टूबर। ‘रिश्ते जब आपसी समझ और प्यार पर आधारित न होकर स्वार्थों से संचालित होते…
Month: October 2021
दानवीर कर्ण के साथ हुए भेदभाव को दिखाया नाटक महारथी ने
– कर्ण की बहादुरी और दानवीरता को भी किया रेखांकित– कुंती की पीड़ा भी आई सामने– संडे थियेटर का नाम बदलकर रखा ‘घर-फूंक थियेटर फेस्टिवल– अगला नाटक ‘तांडव’ दिल्ली की टीम करेगी प्रस्तुत रोहतक, 18 अक्टूबर। ‘मेरा कसूर क्या था मां, जो पैदा होते ही परित्याग कर दिया?…और आज कैसे आपको अपने ज्येष्ठ पुत्र की…
नाटक के माध्यम से पुरुषवादी सोच पर किए गहरे कटाक्ष
रोहतक, 11 अक्टूबर। ‘क्या औरत केवल उपभोग की वस्तु है? क्या वह भेड़-बकरी है, क्या उसकी भावनाएं आहत नहीं होती? क्या रसोई और घर की चार दिवारी से बाहर उसका कोई वजूद नहीं है?’ संडे थियेटर के तहत इस सप्ताह के नाटक ‘रीढ़ की हड्डी’ ने ऐसे ही ज्वलंत सवालों को उठाया और पुरुषवादी मानसिकता…
लखीमपुर खीरी हत्याकांड के विरोध में किसानों ने किया राष्ट्रव्यापी आंदोलन का ऐलान
– मांगें नहीं मानी गई तो 12 से निकालेंगे शहीद किसान यात्रा।– 15 को भाजपा नेताओं का पुतला दहन होगा।– 18 को रेल रोको आंदोलन।– 26 को लखनऊ में किसान महापंचायत। सारी दुनिया, 9 अक्टूबर। लखीमपुर खीरी हत्याकांड में नामजद दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग न मानने पर संयुक्त किसान मोर्चा ने देशव्यापी आंदोलन…
Sunday Theatre : नाटक ‘मेरा वजूद’ में किन्नरों ने पढ़ाया इंसानियत का पाठ
रोहतक, 4 अक्टूबर। थर्ड जेंडर यानी किन्नर समाज का सबसे उपेक्षित वर्ग है, जिसका हमारी दुनिया में कोई वजूद नहीं माना जाता। लेकिन जब समाज लोभ-लालच और झूठी मान-मर्यादा के चलते इंसानियत को भूल जाता है तो यह वर्ग भी हमें इंसानियत का रास्ता दिखा सकता है। यही संदेश था किन्नरों के जीवन के उजले…
आज मन एकाकी है
।। मीनू हुड्डा ।। दिशाएँ सर्वत्र ओढ़े नितांत मौन हैं,मर्यादाएँ समस्त, पूर्णतया गौण हैं,हवाओं में न कहीं गर्मजोशी है,अजस्त्र मरघट सी खामोशी है,ओ रे माझी! थाम लो पतवार,अविलम्ब चलो बीच मझधार,कि मुझमें अभी जीवन बाक़ी है।आज मन एकाकी है।। हुआ शुष्क तरु सा अतृप्त जीवन,आवेशों व आवेगों में लिप्त जीवन,ख़ालिस कुंठाओं से पटा जीवन,निर्बाध शंकाओं…