एशिया में नेटबॉल के उत्थान के लिए अंतरराष्ट्रीय नेटबॉल संघ एशियाई देशों को 60,000 पौंड की मदद देगा। यह घोषणा अंतरराष्ट्रीय नेटबॉल संघ के प्रमुख लिज़ निकोल ने की। वे गत 6 जुलाई को ‘उत्तर 2020 सैद्धांतिक योजना’ विषय पर सदस्य एशियाई देशों के प्रतिनिधियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक का आयोजन कोरोना संक्रमण के दौर में और इसके पश्चात एशिया में नेटबॉल के उत्थान की योजना बनाने के लिए किया गया था।
इस अवसर पर, संघ प्रमुख लिज़ निकोल और संघ की उच्चतम कार्यकारी अधिकारी क्लेयर ब्रैगल ने उपस्थित प्रतिनिधियों के साथ आगामी चार वर्ष के लिए एशिया में नेटबॉल के प्रसार और उत्थान की योजना के सूक्ष्म बिंदुओं पर विचार विमर्श किया। उन्होंने उनकी समस्याओं और सुझावों पर भी लंबी बात की। बैठक में लिज़ निकोल ने विश्व भर में फैले कोरोना संक्रमण पर चिंता जाहिर करते हुए बताया कि संघ ने सदस्यों को संक्रमण के दौर में आ रही कठिनाइयों से जूझने के लिए 60,000 पौंड का फण्ड उपलब्ध कराने का फैसला लिया है।
इस अवसर पर भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग प्रणाली और अंतरराष्ट्रीय कोचिंग के लिए ऑनलाइन माध्यमों के उपयोग पर महत्वपूर्ण सुझाव रखे, जिनकी संघ प्रमुख और अन्य सदस्यों ने सराहना की। बैठक में भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, हांगकांग, मलेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर, फिलीपींस, नेपाल, मालदीव्स और चाइनीज़ ताइपेई देशों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
दीनबंधु छोटूराम विश्वविद्यालय की प्राध्यापिका दीपा शर्मा राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल
भारत के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में भारतीय नेटबॉल संघ के महासचिव हरिओम कौशिक, वरिष्ठ उपप्रधान डॉ. श्यामा और राष्ट्रीय संयोजिका डॉ. दीपा शर्मा शामिल रहे। डॉ. दीपा शर्मा हरियाणा के उच्चतर शिक्षा विभाग में भौतिकी की प्राध्यापिका हैं और दीनबंधु छोटूराम विश्वविद्यालय, मुरथल के भौतिकी विभाग में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं।
विश्वविद्यालय के उपकुलपति राजेंद्र कुमार अनायत ने डॉ. दीपा शर्मा के अंतरराष्ट्रीय नेटबॉल संघ की बैठक के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल किये जाने पर ख़ुशी जाहिर की है। डॉ. दीपा शर्मा की उपलब्धि का अभिनन्दन करते हुए उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात है कि हमारे प्राध्यापक अपनी प्रतिभा और सामर्थ्य के बल पर राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहे हैं और न केवल शैक्षणिक-साहित्यिक, बल्कि सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि डॉ. दीपा शर्मा की यह उपलब्धि विश्वविद्यालय और उच्चतर शिक्षा विभाग, दोनों के लिए ही गौरव का विषय है। भौतिकी विभागाध्यक्ष प्रो. सतीश खासा ने भी विभाग में कार्यरत प्राध्यापिका को बधाई दी और कहा कि उनकी यह उपलब्धि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, खासकर छात्राओं को हर क्षेत्र में उत्तम प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करेगी।