प्रदेश के पुलिस ढांचे में गैरबराबरी को कम करके महिला-पुरुष अनुपात को बेहतर बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि महिला कर्मियों की संख्या को बढ़ाकर 15 प्रतिशत तक किया जाएगा।
हरियाणा सशस्त्र पुलिस अकादमी, मधुबन में हुए पुलिस के 16वें बैच के 400 महिला एवं पुरूष उप-निरीक्षकों के दीक्षांत समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा कि पहले पुलिसबल में महिलाओं की संख्या केवल तीन प्रतिशत थी, जबकि पिछले पांच साल में इनकी संख्या को बढ़ाकर 6 प्रतिशत तक कर दिया गया और उसके बाद यह संख्या 10 प्रतिशत तक पहुंच गई।
सरकार का लक्ष्य है कि इसे 15 प्रतिशत तक किया जाए। उन्होंने कहा कि इस दीक्षांत समारोह में भी 56 महिला पुलिस उपनिरीक्षक पासआउट हो रही हैं जो पासआउट संख्या का 14 प्रतिशत बनता है। उन्होंने बताया कि हरियाणा पुलिस में राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी भर्ती किया गया है।
पुलिस जवानों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी राज्य की पुलिस वहां की सरकार का आइना होती है। इसलिए पुलिसकर्मियों को पूरी निष्ठाभाव से सेवा करनी चाहिए। पुलिस की नौकरी केवल आजीविका के लिए नहीं है, बल्कि इसमें समाजसेवा का भाव भी निहित है। उन्होंने कहा कि जवान एच पी को हरियाणा पुलिस नहीं, हरियाणा प्रदेश मानें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पुलिस सेवाओं को और सुदृढ़ करने के लिए राज्य में हर जिले में मॉडर्न पुलिस थाना बनाने का निर्णय लिया गया है। इसके अतिरिक्त, राज्य में पांच पुलिस रेंज मुख्यालय और कमिश्नरेट, फरीदाबाद में 6 नए साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन बनाने की मंजूरी दी है।
मधुबन में स्थित पुलिस कॉम्पलैक्स में भी फॉरेंसिक साईंस प्रयोगशाला (एफएसएल) के ट्रैकिया बार-कोडिंग सिस्टम का शुभारंभ किया गया है। साइबर अपराधों से जुड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए गुरुग्राम में देश का पहला ट्रेनिंग सेंटर डीआईटेसी (डिजिटल इन्वेस्टिगेशन एंड टैक्रिकल ऐनिलाईज सैंटर) स्थापित किया गया है। इसमें पुलिस के कर्मचारियों को सोशल मीडिया, इंटरनेट और साइबर अपराधों का अनुसंधान करने में प्रशिक्षित किया जाता है।