हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने शिक्षा मंत्री कंवर पाल द्वारा 10वीं, 11वीं और 12वीं के छात्रों को 16 अगस्त से स्कूल में बुलाए जाने के फैसले का कड़ा विरोध किया है। सरकार से 30 अगस्त तक कालेज व स्कूलों को न खोलने का आग्रह करते हुए मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है।
खबरों के अनुसार, 26 जुलाई को छुट्टी खत्म होने के बाद से ही स्कूल जाने वाले 9 अध्यापक कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं। ऐसे में बच्चों को पढ़ाई के लिए बुलाना किसी भी तरह सही निर्णय नहीं कहा जायेगा।
शर्मा ने कहा है कि लॉकडाउन की अवधि में बहुत से अध्यापक जिला प्रशासन के आदेश पर घर-घर जाकर कोरोना संक्रमित मरीजों की देखभाल कर रहे थे और अन्य कार्यों में लगे हुए थे। वे और अन्य अध्यापक आज भी छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई करा रहे हैं। लेकिन अब अध्यापकों को स्कूलों में ड्यूटी पर बुला लिया है, तो उन्हें हर समय कोरोना का डर सता रहा है।
ऐसे में, अगर बच्चों को भी स्कूल बुला लिया जाएगा, तो उन्हें भी संक्रमण होने का खतरा पैदा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अध्यापक या बच्चे संक्रमित हो गए, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा!
मंच ने अपील की है कि जब अध्यापक घर में रहकर ही बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई करा रहे हैं तो फिर उन्हें और छात्रों को स्कूलों में बुलाना किसी भी तरह से न्याय संगत नहीं है।
इधर, शिक्षा विभाग द्वारा करवाए गए ऑनलाइन सर्वे में अधिकतर अभिभावकों ने ज्यादातर अभिभावकों ने नर्सरी से 8वीं कक्षा तक स्कूल खोलने पर असहमति जताई थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार, लगभग आधे अभिभावकों ने छठी से आठवीं तक के बच्चों के लिए अगस्त में स्कूल न खोलने की बात कही थी। इसके बाद ही शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने अधिकारियों को 16 अगस्त से 10वीं से 12वीं तक के लिए स्कूल खोलने की योजना बनाने के आदेश दिए थे। हालांकि सर्वे में अनेक अभिभावकों ने इन कक्षाओं के बच्चों को भी अभी स्कूल न बुलाने की बात कही थी।