वरिष्ठ वकील और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण को कोर्ट अवमानना करने के आरोप में नोटिस देने के बाद अब इस कानून को ही सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी गई है। पत्रकार एन राम, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी और भूषण ने मिलकर इस कानून के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की है। उनका कहना है कि यह कानून उनके अभिव्यक्ति के अधिकार का हनन करता है।
आपको बता दें कि भूषण ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों को लेकर ट्वीट किए थे, जिसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें अदालत की अवमानना कानून के तहत नोटिस जारी किया था। तभी से इस कानून पर काफी बहस छिड़ी हुई है और सोशल मीडिया पर भूषण के पक्ष में हस्ताक्षर अभियान सहित कई आंदोलन शुरू हो गए हैं।
वरिष्ठ वकील कामिनी जायसवाल के माध्यम से दायर इस याचिका में अरुण शौरी, एन राम और भूषण ने इस कानून की धारा 2 (सी) (आई) की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है। इसी के तहत कोर्ट की निंदा करने वाली सामग्री प्रकाशित करने को कोर्ट की अवमानना माना जाता है।