- आरोग्य सेतु ऐप की वेबसाइट के अनुसार, इस ऐप को एनआईसी ने डेवलप किया है, लेकिन एनआईसी के पास इसकी कोई जानकारी नहीं है।
- केंद्रीय सूचना आयोग ने संबंधित मंत्रालयों से पूछा है कि उन्होंने करोड़ों लोगों द्वारा इस्तेमाल की जा रही इस कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप के बारे में आरटीआई आवेदन का स्पष्ट जवाब क्यों नहीं दिया।
आरोग्य सेतु (Aarogya Setu App) नामक जिस कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप को कोरोना महामारी के दौरान सरकार द्वारा अनिवार्य घोषित किया गया और जिसका प्रचार अमिताभ बच्चन जैसे अभिनेता टीवी पर करते दिखते हैं, उसे किसने विकसित किया है, इसकी जानकारी नेशनल इन्फॉर्मेटिक सेंटर, यानी एनआईसी सहित किसी भी संबंधित मंत्रालय को नहीं है। इस बात का खुलासा एक आरटीआई के माध्यम से हुआ है। सामाजिक कार्यकर्ता सौरव दास ने आरटीआई लगाकर इस संबंध में जानकारी मांगी थी, लेकिन ऐप के डेवलपमेंट को लेकर इससे जुड़ा कोई भी मंत्रालय स्पष्ट सूचना नहीं दे पाया।
आपको बता दें कि दास ने ऐप के शुरुआती प्रस्ताव, इसको मिली मंजूरी की डिटेल्स, इस काम में शामिल कंपनियों, व्यक्ति और सरकारी विभागों को लेकर जानकारी मांगी थी। उन्होंने ऐप डेवलपमेंट से जुड़े लोगों के बीच हुए सूचना के आदान-प्रदान की प्रतियां भी मांगी थीं। उनका यह आवेदन दो महीने तक विभिन्न सरकारी विभागों के बीच घूमता रहा। कथित रूप से एनआईसी ने बार-बार कहा कि ‘ऐप के क्रिएशन से जुड़ी पूरी फाइल सेंटर के पास नहीं है।’ इसके बाद आईटी मंत्रालय ने यह आरटीआई नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन को भेज दी, जिसने कहा कि ‘जो सूचना मांगी गई है, वह उनके विभाग से सम्बंधित नहीं है।’
आखिरकार दास ने इसकी शिकायत केंद्रीय सूचना आयोग के पास की, जिस पर आयोग ने 27 अक्टूबर को नेशनल इन्फॉर्मेटिक सेंटर (एनआईसी) से जवाब मांगा कि जब आरोग्य सेतु ऐप की वेबसाइट पर उनका नाम है, तो फिर उनके पास ऐप के डेवलपमेंट को लेकर पूरी जानकारी क्यों नहीं है। आयोग ने इस संबंध में कई चीफ पब्लिक इन्फॉर्मेशन अधिकारियों (CPIOs) सहित नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन (NeGD), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और एनआईसी को कारण बताओ नोटिस भेजा है। नोटिस में उनसे सफाई मांगी गई है कि उन्होंने ऐप से जुड़े आरटीआई आवेदन का स्पष्ट जवाब क्यों नहीं दिया।
दरअसल, कोरोना संक्रमण के दौरान कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए केंद्र सरकार ने आरोग्य सेतु ऐप के इस्तेमाल को काफी बढ़ावा दिया है। आरोग्य सेतु ऐप की वेबसाइट के अनुसार, इसे एनआईसी और आईटी मंत्रालय ने डेवलप किया है। लेकिन इस आरटीआई के जवाब में दोनों ने कहा कि उनके पास इस बात की जानकारी नहीं है कि इस ऐप को किसने डेवलप किया है। इसी पर सूचना आयोग ने सरकार के ‘गोलमोल जवाब’ पर नोटिस भेजा है। आयोग का कहना है कि ‘अधिकारियों द्वारा सूचना देने से इन्कार करने को स्वीकार नहीं किया जाएगा।’ आयोग ने सभी संबंधित इकाइयों से पूछा है कि आखिर ‘सूचना देने में रुकावट पैदा करने’ और आरटीआई आवेदन पर ‘गोलमोल जवाब देने’ के आरोप में उन पर एक्शन क्यों न लिया जाए।