कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए अलग-अलग स्थानों से नेता, कलाकार और खिलाड़ी दिल्ली बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं। इसी कड़ी में पंजाब के संगरूर की बलजीत कौर भी 300 किमी साइकिल चलाकर टीकरी बॉर्डर के धरनास्थल पर पहुंची हैं। महज 18 साल की बलजीत कौर साइक्लिंग में गोल्ड मेडलिस्ट हैं और अंडर-17 और अंडर-19 में कई पदक जीत चुकी हैं।
जब 25 दिसंबर को उन्होंने दातासिंह वाला बॉर्डर से हरियाणा में प्रवेश किया तो लोगों ने उनका फूल मालाओं से स्वागत किया। इसके बाद खटकड़ टोल पर भी किसानों ने तालियां बजाकर उनके हौसले को सलाम किया। अन्य स्थानों पर भी महिलाओं, पुरुषों और बच्चों ने बड़ी गर्मजोशी से छात्रा का इस्तकबाल किया। जोरदार स्वागत से अभिभूत बलजीत कौर ने बताया कि वे 25 को सुबह साढ़े तीन बजे घर से निकली थीं। उन्होंने कहा कि किसान इतनी ठंड में आंदोलन कर रहे हैं। इसलिए उसने भी साइकिल पर निकलकर उनका हौसला बढ़ाने का फैसला किया है। रास्ते भर लोगों के उत्साह को देखकर उन्हें पूरा भरोसा हो गया है कि किसान अपने संघर्ष में अवश्य सफल होंगे।
संगरूर से 300 किमी दूर साइकिल पर दिल्ली के टीकरी बॉर्डर पर आने के अपने फैसले के बारे में बलजीत ने बताया कि यह हिम्मत उसकी माँ ने उसे दी है। उन्होंने ही कहा कि एक साइक्लिस्ट होने के नाते उसे साइकिल पर जाकर किसानों का हौसला बढा़ना चाहिए।
बलजीत ने कहा कि किसान ठंड में परेशान हो रहे हैं और तीन काले कानून वापिस करने की मांग कर रहे हैं। उसने कहा कि अगर किसान ही नहीं रहेगा तो अनाज कौन उगाएगा और किसान खेती नहीं करेगा, तो लोग भूखे मर जाएंगे। छात्रा ने बताया, “मेरी साइकिल यात्रा का सीधा-सीधा उद्देश्य लोगों को दिल्ली कूच के लिए जगाना है। मैं लोगों को यह दिखाना चाहती हूं कि साइकिल तो क्या, हम दौड़ कर भी किसान आंदोलन में भाग ले सकते हैं।” बलजीत के अनुसार, उनका दिल्ली की सीमा पर 29 दिसंबर तक रुकने की योजना है। उसके बाद आगे की प्लान बनाई जाएगी।