
– कोरोना वायरस से संक्रमित कोशिकाओं पर सीधा काम करेगी
– 5 से 7 दिन तक देनी होगी दवा, तीसरे दिन से ही ऑक्सीजन सपोर्ट की नहीं पड़ेगी जरूरत
– 65 साल से अधिक उम्र के मरीजों पर भी असरदार
– पाउडर के रूप में मिलेगी दवाई, सुबह-शाम पानी में घोलकर दी जाएगी
– शुरूआत में दिल्ली के चुनिंदा अस्पतालों में होगा प्रयोग, जून तक सभी अस्पतालों तक पहुंचाने का दावा
सारी दुनिया। भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा निर्मित दुनिया की पहली ‘एंटी कोरोना ड्रग’ 2DG आखिरकार 17 मई को इमरजेंसी यूज के लिए रिलीज हो गई। अब इसे मरीजों को दिया जा सकता है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने दवा को रिलीज करते हुए कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों की यह दुनिया को एक बड़ी देन है। उन्होंने उम्मीद जताई कि कोरोना से जंग में यह एक कारगर औजार होगा, जिससे गंभीर मरीजों की जान बचाई जा सकेगी। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, कोविड-19 के मध्यम तथा गंभीर लक्षण वाले मरीजों पर ग्लूकोज़-आधारित इस दवा के आपातकालीन इस्तेमाल को भारत के औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) की ओर से इस महीने के शुरू में ही मंजूरी मिल गई थी।

क्या है 2डीजी?
2 डीजी (2-deoxy-D-glucose) वास्तव में 2 डीजी अणु का एक परिवर्तित रूप है जिसमें ट्यूमर, कैंसर कोशिकाओं का इलाज होता है। ट्रायल में पता चला है कि 2 डीजी कोविड मरीजों के इलाज में तो कारगर है ही, हॉस्पिटल में एडमिट मरीजों की ऑक्सीजन पर निर्भरता को भी कम करती है। फिलहाल इस दवा को सेकेंडरी मेडिसिन की तरह प्रयोग करने की अनुमति दी गई है। अर्थात यह प्राइमरी मेडिसिन के सपोर्ट में यूज की जाएगी।
ट्रायल के दौरान मिले उत्साहजनक नतीजे
बता दें कि कोरोना की यह एकमात्र दवाई पाउडर के रूप में है। इसको सबसे पहले दिल्ली के DRDO कोविड अस्पताल में भर्ती मरीजों को दिया जाएगा। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, देश के 27 अस्पतालों में ट्रायल के दौरान दवा के काफी उत्साहवर्धक नतीजे मिले हैं। दवा के प्रयोग के तीसरे दिन ही 42 फीसदी मरीजों को ऑक्सीजन देने की जरूरत नहीं पड़ी। इसके अलावा अढ़ाई दिन पहले ही बीपी, दिल की धड़कन और बुखार सामान्य हो गया। युवाओं में ही नहीं, 65 साल से अधिक उम्र के मरीजों में भी दवा काफी कारगर रही है और ऐसे ही नतीजे मिले हैं।
डीआरडीओ के इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड अलाइड साइंसेस (INMAS) ने यह दवा डॉ. रेड्डीज लैबोरेट्रीज के साथ मिलकर बनाई है। क्लिनिकल रिसर्च के दौरान 2-डीजी दवा के 5.85 ग्राम के पाउच तैयार किए गए। ट्रायल के दौरान इसका एक-एक पाउच सुबह-शाम पानी में घोलकर मरीजों को दिया गया, जिसके काफी सकारात्मक परिणाम मिले। जिन मरीजों को दवा दी गई थी, उनमें तेजी से रिकवरी देखी गई। इसी आधार पर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने 2-डीजी के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दी है।

अभी सिर्फ दिल्ली में होगा प्रयोग, जून में अन्य जगह उपलब्ध होगी
डीआरडीओ प्रमुख जी. सतीश रेड्डी ने बताया कि यह दवा कोरोना वायरस से संक्रमित कोशिकाओं पर सीधा काम करेगी। शरीर का इम्यून सिस्टम काम करेगा और मरीज जल्दी ठीक होगा। दवा मरीज के वजन और डॉक्टर के प्रिसक्रिप्शन के आधार पर कम से कम 5-7 दिन तक सुबह-शाम 2 बार लेनी है। उन्होंने कहा कि लॉन्चिंग के साथ ही यह दवा AIIMS, AFMS और DRDO के अस्पतालों में मरीजों को देनी शुरू कर दी है। अभी एक सप्ताह में करीब 10,000 पाउच का ही उत्पादन हो रहा है, इसलिए बाकी राज्यों को अगले चरण में दवा दे पाएंगे। उन्होंने कहा कि जून के पहले हफ्ते से सभी जगहों पर दवा उपलब्ध करवा दी जाएगी।
अभी बाजार में नहीं मिलेगी दवा
2-डीजी फिलहाल अस्पतालों में डॉक्टर की सलाह पर ही दी जाएगी। अभी इसकी सिर्फ इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिली है। दवा के सामान्य इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के बाद ही इसका बाजार में आना संभव होगा।
क्या कीमत होगी दवा की?
2डीजी की कीमत के बारे में अब तक कुछ स्पष्ट नहीं है। इसके दाम डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरी द्वारा तय किए जाएंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार एक सैशे की कीमत 500 से 600 रुपए तक हो सकती है।