यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी प्रशांत नागर ने सादगी से रचाया विवाह। बारात में शामिल हुए केवल 11 लोग।
सारी दुनिया। भारत में शादियों का बहुत बड़ा व्यापार है। परंपरा के बोझ और दिखावे की प्रवृति के चलते अक्सर लोग शादियों में लाखों-करोड़ों रुपए फूंक देते हैं। जितने बड़े लोग, उतना ही भव्य आयोजन और उतना ही मोटा दहेज। शायद यही कारण है कि साधारण लोग बेटी पैदा करने से डरते हैं। लेकिन इसी समाज में ऐसे लोग भी हैं, जो शादी को व्यापार बनाने की इस भेड़चाल में शामिल नहीं होते। ऐसे ही एक शख्स हैं फरीदाबाद जिले के प्रशांत नागर, जिन्होंने ऊंचा रुतबा और सभी संसाधन होने के बावजूद बेहद सादगी से शादी करके एक नई मिसाल पेश की है।
शाहबाद गांव के मूल निवासी प्रशांत नागर यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी हैं और इन दिनों अयोध्या में जॉइंट मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात हैं। उन्होंने 20 जून को दिल्ली की डॉ. मनीषा के साथ बेहद सादे समारोह में शादी रचाई। शादी में कोई दहेज नहीं लिया गया। प्रशांत नागर ने नेग के तौर पर मात्र 101 रुपए ही स्वीकार किए और युवाओं के सामने अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया।
बता दें कि, तिगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले शाहबाद गांव निवासी रणजीत सिंह के बेटे प्रशांत नागर 2019 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उनका विवाह 20 जून को दिल्ली के बुराड़ी में रहने वाले रमेश कुमार की बेटी डॉ. मनीषा से हुआ। इस विवाह में न तो दिखावा हुआ और न ही बरातियों का मेला लगा। विवाह सादगीपूर्वक संपन्न हुआ और बरात में मात्र 11 लोग ही शामिल हुए। दिल्ली सहित फरीदाबाद में इस बिना दहेज के विवाह की खूब चर्चा हो रही है।
प्रशांत नागर के पिता रणजीत नागर ने कहा कि लोगों को शादी-ब्याह में लोग अपनी हैसियत दिखाने के लिए रुपए व्यर्थ खर्च नहीं करना चाहिए। इन रुपयों से अगर वे जरूरतमंद कन्याओं के विवाह संपन्न करवाएं, समाज का बहुत लाभ हो सकता है। उन्होंने कहा कि उनके बेटे प्रशांत ने बिना दहेज के सादगी पूर्वक शादी करने का संकल्प लिया था, जो अब पूरा हुआ है। आईएएस अधिकारी के इस कदम की प्रशंसा करते हुए तिगांव विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक ललित नागर ने कहा कि ऐसे विवाह समाज को आईना दिखाने का काम करते हैं। दहेज लेना और देना, दोनों ही गलत है। इसलिए समाज को अब जागरूक होकर शादी-ब्याहों में व्यर्थ खर्चों से बचना चाहिए। ऐसा करने से दहेज प्रथा को भी खत्म करने का रास्ता साफ होगा।