हरियाणा की खाप पंचायत एक बार फिर सुखियों में हैं। पंचायत अबकी बार किसी ऑनर किलिंग या गोत्र विवाद को लेकर नहीं, बल्कि एक ऐसे मामले को लेकर बैठी है जिसमें हरियाणा के पूर्व वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु और जाट समाज के बीच आई दरार पैदा हो गई थी।
जींद की जाट धर्मशाला में गुरुवार 16 जनवरी, को हुई सर्वजातीय खाप पंचायत ने जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान फरवरी 2016 में हरियाणा के पूर्व वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु के रोहतक स्थित घर में आग लगाने वाले 54 आरोपियो तथा सिंधु परिवार में समझौता करवा दिया है। कैप्टन अभिमन्यु की तरफ से उनके बडे भाई वीर सेन सिंधु पंचायत में शामिल हुए और उन्होंने समझौता मानते हुए सभी आरोपियों को माफ कर दिया।
खाप पंचायत ने मामले को निपटाते हुए सामूहिक रूप से उन आरोपियों पर 11 हजार रुपये गौशाला में दान देने का जुर्माना लगाया। इसके बाद सतरोल खाप व सिंधु परिवार ने इस जुर्माने को माफ कर दिया। इस मामले में सर्व खाप पंचायत को सीबीआई द्वारा आरोपी बनाए गए व्यक्तियों ने एक माफीनामा दिया, जिसमें लिखा था कि सिंधु निवास पर जो हमला, लूटपाट और आगजनी हुई थी, उसके लिए हम खेद व्यक्त करते हैं। इस विषय में हम अपनी प्रत्यक्ष एवं परोक्ष भूमिका, गलती या भूल चूक के लिए क्षमा प्रार्थी हैं। समाज की तरफ से आयोजित इस पंचायत में जो भी निर्णय लिया जाएगा, हम उसे स्वीकार करेंगे। सिंधु परिवार ने भी कहा कि पंचायत जो भी फैसला करेगी, वे उसे मानेंगे । पंचायत की कार्यवाही के बाद 21 सदस्यों की एक कमेटी बनाई गई जिसने यह फैसला समाज 7के समक्ष रखा।
सर्व खाप पंचायत में वक्ताओं ने रोहतक स्थित सिंधु भवन, वेद मंदिर, कार्यालय, इंडस पब्लिक स्कूल, हरिभूमि प्रैस आदि में आगजनी, तोड़फोड़, लूटपाट और हमले को बहुत ही दुर्भाग्य पूर्ण बताया और इसके लिए गहरा दुख प्रकट किया। पंचायत ने माना कि यह सब एक साजिश के तहत किया गया जिसमें बच्चों और महिलाओं सहित सिंधु परिवार के 10 सदस्यों को मारने का प्रयास किया गया। साथ ही इस परिवार को बदनाम भी करने की कोशिश की गई। पंचायत प्रतिनिधियों ने कहा कि सिन्धु परिवार पर किये गए हमले से जुड़े मामलों मे जो सीबीआई जांच चल रही है और उसमे जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है वे तमाम लोग यहां उपस्थित हैं। उन्होने अपने या अपने परिवार की ओर से अपना माफीनामा पंचायत को सौंपा है। पंचायत उनके कृत्य की वजह से उन्हें समाज के प्रति दोषी मानती है और उन्हें पंचायत की तरफ से दंडित किया जाता है। यह भी माना गया कि यह निर्णय सामाजिक भाईचारा कायम करने एवं आपस में द्वेश भावना मिटाने के लिए किया गया है। भविष्य में सीबीआई जांच में अगर नए विषय या सक्ष्य आते हैं तो वे इस पंचायत के फैसले के दायरे से बाहर रहेंगे। इसके अलावा यदि न्यायलय कोई फैसला सुनाता है तो वह सर्वोपरि होगा और इसमें एक-दूसरे को दोषी नहीं ठहराया जाएगा। यानी, अदालत की किसी कार्यवाही से इस पंचायत का कोई संबंध नहीं है।
पंचायत में इस बात के लिए सिंधु परिवार की तारीफ की गई कि, यह परिवार हमेशा सामाजिक हित के कामों में आगे रहा है और इस घटना के बाद भी परिवार के सदस्यों ने पूरे धैर्य का परिचय दिया है। इस कारण पूरा समाज सिंधु परिवार के साथ है।
इस मौके पर न्यायिक मामले को सेटल करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया, जो कानूनी सलाह लेकर पंचायत के फैसले को अमल में लाने के लिए आगामी भूमिका तय करेगी ।
पंचायत में चरखी दादरी के विधायक व सांगवान खाप के प्रधान सोमबीर सांगवान, सतरोल खाप के प्रधान रामनिवास लोहान, पालम 360 के प्रधान रामकरण, पुनिया खाप के शमशेर नम्बरदार, टेकराम कंडेला, राजकुमार रेढू, मास्टर किताब सिंह मलिक, बलबीर सिहाग, मानसिंह दलाल, महेन्द्र नांदल, सतबीर सिंह, मलिक राज मलिक, जयसिंह अहलावत, सुरेंद्र दहिया, भलेराम नरवाल और चौधरी राजमल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
कुल मिलाकर इस फैसले को सकारात्मक तरीके से देखना चाहिए। जिस मामले को सालों बाद भी कोर्ट के माध्यम से नहीं हल नहीं किया जा सका, उसे खाप ने कुछ घंटों में ही सुलझा दिया है।