अभी भी मेडल की उम्मीद बाकी
सारी दुनिया, 6 अगस्त। Tokyo Olympics के 15वें दिन भारत के स्टार रेसलर बजरंग पुनिया फाइनल में नहीं पहुंच पाए। 65 किग्रा भार वर्ग के सेमीफाइनल मुकाबले में उन्हें तीन बार के वर्ल्ड चैम्पियन अज़रबैजान के हाजी एलियेव ने 12-5 से हराया। वैसे Gold और Silver medal की दौड़ से बाहर हो चुके बजरंग से अभी भी कांस्य पदक की उम्मीद है। दूसरी ओर, गोल्फर अदिति अशोक भी दूसरे स्थान पर रहते हुए medal की दौड़ में बनी हुई हैं। लेकिन इससे पहले महिला रेसलर सीमा बिस्ला प्री-क्वार्टर मुकाबला हार गईं। भारतीय महिला हॉकी टीम भी ग्रेट ब्रिटेन से पार नहीं पा सकी और कड़े मुकाबले में 3-4 से हार कर कांस्य पदक जीतने से चूक गई।
सेमीफाइनल में हारे बजरंग, कांस्य की उम्मीद बरकरार
भारत के स्टार पहलवान बजरंग पुनिया gold और silver medal की दौड़ से बाहर हो गए हैं। सेमीफाइनल मुकाबले में उन्हें तीन बार के वर्ल्ड चैम्पियन अज़रबैजान के हाजी एलियेव के हाथों हार का सामना करना पड़ा। एलियेव ने बजरंग को 12-5 से मात दी। इसके बावजूद, बजरंग के पास अब भी कांस्य पदक जीतने का मौका है। वे 7 अगस्त को कांस्य पदक के लिए मुकाबला करेंगे।
सेमीफाइनल मुकाबले के पहले पीरियड में ही बजरंग 1-4 से पिछड़ गए थे। दूसरे पीरियड में हाजी एलियेव ने बजरंग पर मशहूर फीतले दांव लगाकर 3 अंक बटोरे। इससे बजरंग 1-7 से पीछे हो गए। बजरंग ने फिर 2 अंक बटोरे, लेकिन एलियेव ने भी 2 अंक बटोरकर उनकी वापसी की उम्मीद खत्म कर दी। आखिरी पलों में बजरंग ने एक बार फिर 2 अंक लिए, लेकिन एलियेव भी 2 अंक बटोरने में सफल रहे और बजरंग 5-11 से पिछड़ गए। कुश्ती खत्म होने से पूर्व एलियेव ने एक अंक और लिया तथा बजरंग को 12-5 से हराकर फाइनल का टिकट पक्का कर लिया।
इससे पूर्व बजरंग ने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में ईरान के पहलवान Morteza CHEKA GHIASI को 2-1 से हरा कर सेमीफाइनल में प्रवेश किया था। बजरंग ने शुरुआती दौर में पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए मैच जीता। घियासी की 1-0 की बढ़तके बावजूद बजरंग ने बिना धैर्य खोए अपना नैसर्गिक खेल दिखाया और शानदार वापसी करते हुए मुकाबला 2-1 से अपने नाम कर लिया।
शुक्रवार की सुबह बजरंग नेप्री क्वार्टर फाइनल मुकाबले से शुरुआत करते हुए किर्गिस्तान के अरनाजर अकमातालिव को हराया। यह मुकाबला 3-3 से बराबर रहा था, लेकिन बजरंग तकनीकी आधार पर जीत हासिल करने में कामयाब रहे। बजंरग ने पहला पीरियड 3-1 से जीता था। दूसरे पीरियड के आखिरी 30 सेकंड तक भी बढ़त बजरंग के पास थी। तभी अकमातालिव ने आक्रामक रुख अपनाते हुए दो बार 1-1 अंक जुटा लिए और बराबरी पर आ गए। परन्तु अंत में बजरंग को ज्यादा बड़ा दांव (फीतले) लगाने का फायदा मिला और उन्हें तकनीकी आधार पर विजेता घोषित कर दिया गया। फीतले बजरंग का पसंदीदा दांव है।
सीमा बिसला ने किया निराश
कुश्ती के एक अन्य मुकाबले में महिला पहलवान सीमा बिस्ला भी हारकर ओलंपिक से बाहर हो गईं। उन्हें पहले ही मुकाबले में ट्यूनीशिया की सारा हमदी के हाथों 1-3 से शिकस्त मिली। 29 वर्षीय सीमा बिस्ला ने 50 किग्रा भार वर्ग की फ्रीस्टाइल स्पर्धा में चुनौती पेश की थी। हरियाणा के किसान परिवार में जन्मी सीमा ने मई 2021 में हुए ओलंपिक क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट के जरिए ओलंपिक टिकट हासिल किया था।
इस हार के बाद, सीमा की पदक सारी उम्मीदें ट्यूनीशिया की खिलाड़ी सारा हामदी पर टिकी हुईं थी। सारा के फाइनल में पहुंचने पर सीमा के पास ब्रॉन्ज मेडल के लिए चुनौती पेश करने का मौका होता, लेकिन सारा को अपने क्वार्टर फाइनल मैच में तीन बार की ओलंपिक पदक विजेता मारिया स्टैडनिक के हाथों हार का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही वह टोक्यो ओलंपिक से बाहर हो गई।
कड़े मुकाबले में हारी महिला हॉकी टीम
अपने जुझारूपन से देशवासियों के दिल जीतने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम अपना पहला ओलिंपिक पदक जीतने से चूक गई। शुक्रवार को सुबह कांस्य पदक के लिए हुए कांटे के मुकाबले में उसे रियो ओलिंपिक के gold medalist ग्रेट ब्रिटेन के हाथों 4-3 से हार का सामना करना पड़ा।
बता दें कि अपने शुरुआती तीन मुकाबलों में मुंह की खाने के बाद भारतीय लड़कियों ने जबरदस्त वापसी करते हुए सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। इस सफर में भारत ने अपने से ऊंची रैंकिंग की टीमों, आयरलैंड, द. अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया को छकाया तथा ओलंपिक इतिहास में दूसरी बार अंतिम चार में पहुंचकर सफलता की नई इबारत लिखी। टीम ने कांस्य पदक के मुकाबले में भी बेहद उम्दा हॉकी का प्रदर्शन किया। शुरुआत में 2 गोल से पिछड़ने के बाद उसने जबरदस्त वापसी करते हुए दुनिया की चौथे नंबर की टीम पर 3-2 की बढ़त बना ली। भारत की यह बढ़त हाफ टाइम तक बनी रही। इसके बाद ब्रिटेन ने आक्रामक रणनीति अपनाई और दो गोल करके कांस्य पदक पर कब्जा कर लिया। इस तरह जीत की दहलीज तक पहुंचकर भी लड़कियां ओलंपिक पदक के सपने को साकार नहीं कर पाईं।
मैच में भारतीय टीम ने पांच मिनट के अंतराल में तीन गोल किए। गुरजीत कौर ने 25वें और 26वें मिनट में तथा वंदना कटारिया ने 29वें मिनट में गोल दागे। ब्रिटेन के लिए एलेना रायेर ने 16वें, साारा रॉबर्टसन ने 24वें, कप्तान होली पीयर्ने वेब ने 35वें और ग्रेस बाल्डसन ने 48वें मिनट में गोल किए।
भारत ने इससे पहले अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 41 साल पहले, यानी 1980 के Moscow Olympics में किया था। तब महिला टीम चौथे स्थान पर रही थी। टीमों की संख्या कम होने के कारण उस समय हॉकी में सेमीफाइनल नहीं हुआ था, बल्कि छह टीमों के बीच राउंड रॉबिन आधार पर मैच खेले गए थे और टॉप दो टीमें फाइनल में पहुंची थी। मॉस्को में भारत की पुरूष टीम ने gold medal जीता था। उसके बाद पुरूष टीम ने भी टोक्यो में ही कांसे का तमगा जीतकर पदक का सूखा खत्म किया है।
गोल्फ में अदिति अशोक ने जगाई पदक की उम्मीद
भारतीय गोल्फर अदिति अशोक का शानदार प्रदर्शन जारी है। तीसरे राउंड के खत्म होने तक अदिति दूसरे नंबर पर रही हैं। उनसे आगे सिर्फ अमेरिका की नेली कोर्डा हैं।
एथलेटिक्स में नहीं हुआ चमत्कार
एथलेटिक्स में भारतीय खिलाड़ी अभी तक कोई चमत्कार नहीं दिखा सके हैं। आज 20 किलो मीटर रेस वॉक में प्रियंका चौधरी और भावना जाट मेडल जीतने में सफल नहीं हो पाईं। प्रियंका गोस्वामी 17वें स्थान पर और भावना जाट 32वें स्थान पर रहीं। प्रियंका रेस की शुरुआत में काफी अच्छी पोजीशन में थी। शुरुआती 8 किमी तक तो वे पहले स्थान पर थीं, लेकिन वे धीरे-धीरे पिछड़ती चली गईं और आखिर में 17वें स्थान पर रहकर रेस खत्म की। पच्चीस साल की प्रियंका ने एक घंटे 32 मिनट 36 सेकेंड का समय निकाला जो उनके व्यक्तिगत बेस्ट एक घंटे 28 मिनट 45 सेकेंड से अधिक रहा। शुरू से ही पीछे चसल रही भावना ने एक घंटे 37 मिनट 38 सेकेंड में रेस पूरी की और 32वें स्थान पर रहीं। उनका व्यक्तिगत बेस्ट प्रदर्शन एक घंटे 29 मिनट 54 सेकेंड का है।
पुरुषों की 50 किमी पैदल चाल इवेंट में भारत के गुरप्रीत सिंह रेस पूरी करने में नाकाम रहे। गर्मी की वजह से हुई ऐंठन के चलते उन्हें अपना नाम वापस लेना पड़ा। वे 35 किमी की दूरी दो घंटे 55 मिनट 19 सेकंड में पूरी करके 51वें स्थान पर थे। इसके बाद वह अलग बैठ गए और मेडिकल टीम ने उनकी मदद की। बता दें कि गुरप्रीत का व्यक्तिगत बेस्ट प्रदर्शन तीन घंटे 59 मिनट और 42 सेकंड का है जो उन्होंने फरवरी में नेशनल पैदलचाल चैम्पियनशिप में गोल्ड जीतकर बनाया था।