Tokyo Paralympics 2020 में भारत ने दमदार प्रदर्शन करते हुए 19 पदकों पर कब्जा जमाया है जिनमें 5 गोल्ड मेडल भी शामिल हैं। भारत ने इस बार पैरालिंपिक खेलों में सबसे ज्यादा पदक जीते हैं और इन खेलों के इतिहास में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इससे पहले भारत ने 2016 के रियो पैरालिंपिक खेलों में सर्वाधिक चार पदक जीते थे, जबकि इस बार उनसे ज़्यादा (5) तो स्वर्ण पदक जीते हैं। एक अन्य बात यह है कि इन खेलों की शुरुआत से टोक्यो-2020 तक भारत कुल 12 पदक ही जीत पाया था। अब एक ही साल में भारतीय खिलाड़ियों ने इनसे डेढ़ गुणा पदक अपने नाम किए हैं।
Tokyo Paralympics में भारत के पदक विजेता खिलाड़ी :
स्वर्ण पदक –
1. अवनि लेखरा (वुमेंस 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग स्टैंडिंग एसएच1)
2. सुमित आंतिल (मेंस जेवलिन थ्रो एफ64)
3. मनीष नरवाल (पी4 मिक्स्ड 50 मीटर पिस्टल एसएच1)
4. प्रमोद भगत (बैडमिंटन मेंस सिंगल्स एसएल3)
5. कृष्णा नागर (बैडमिंटन मेंस सिंगल्स एसएच6)
रजत पदक :
1. भाविना बेन पटेल (वुमेंस सिंगल्स टेबल टेनिस – क्लास 4)
2. निशाद कुमार (मेंस हाई जंप टी47)
3. देवेंद्र झाझरिया (मेंस जेवलिन थ्रो एफ46)
4. योगेश काथुनिया (मेंस डिस्कस थ्रो एफ56)
5. सिंहराज अधाना (पी4 मिक्स्ड 50मीटर पिस्टल एसएच1)
6. मरियप्पन थंगावेलु (मेंस हाई जंप टी63)
7. प्रवीण कुमार (मेंस हाई जंप टी64)
8. सुहास एल यतिराज (बैडमिंटन मेंस सिंगल्स एसएल4)
कांस्य पदक :
1. सुंदर सिंह गुर्जर (मेंस जेवलिन थ्रो एफ46)
2. सिंहराज अधाना (मेंस 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग एसएच1)
3. शरद कुमार (मेंस हाई जंप टी63)
4. अवनि लेखारा (वुमेंस 50मीटर राइफल 3 पोजिशन शूटिंग एसएच1)
5. हरविंदर सिंह (मेंस इंडिविजुअल रिकर्व आर्चरी)
6. मनोज सरकार (बैडमिंटन मेंस सिंगल्स एसएल3)
दो खिलाड़ियों ने जीते दो-दो पदक
टोक्यो पैरालिंपिक में भारत के दो एथलीट ऐसे रहे हैं, जिन्होंने दो-दो पदक अपने नाम किए हैं। इनमें शूटर अवनि लेखारा ने निशानेबाजी की अलग-अलग प्रतियोगिताओं में गोल्ड और ब्रांज मेडल जीता है। इनके अलावा, पुरुष निशानेबाज सिंहराज अधाना भी दो पदक जीतने में कामयाब रहे हैं। उन्होंने एक सिल्वर और एक ब्रांज मेडल जीता है। दूसरा पदक जीतते ही अवनि एक पैरालम्पिक में 2 पदक जीतने वाली देश की पहली महिला खिलाड़ी बन गईं। पुरुषों में जोगिंदर सिंह सोढ़ी ने सबसे पहले 1984 में देश के लिए एक सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल जीते थे।
61 फीसदी पदक इसी बार जीते
सन 1968 के बाद से पैरालम्पिक्स में भारत कुल 31 पदक जीत पाया है, जिनमें 9 गोल्ड, 12 सिल्वर और 10 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। इनमें से 19 पदक (5 गोल्ड, 8 सिल्वर व 6 ब्रॉन्ज मेडल इस बार जीते हैं। यह कुल पदकों का 61 फीसदी बनता है। एक माह पूर्व हुए ओलंपिक खेलों में देश के 126 खिलाड़ी केवल 7 पदक जीत पाए थे, जिनमें केवल एक (नीरज कुमार, हरियाणा) गोल्ड मेडल था।
टोक्यो पैरालम्पिक्स में हरियाणा
टोक्यो पैरालम्पिक्स में हरियाणवीं खिलाड़ियों की काफी धूम रही है। पैरालम्पिक्स में भाग लेने वाले भारत के 54 खिलाड़ियों में से 19 हरियाणा के थे। इनमें से 6 पदक जीतने में कामयाब रहे। पदकों में प्रदेश का योगदान 31.5 फीसदी रहा। कुल 5 में से 2 गोल्ड मेडल हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते। इसके अलावा, प्रदेश के खिलाड़ियों ने 2 सिल्वर मेडल और 2 ब्रॉन्ज मेडल हासिल किए। इससे पहले हरियाणा की दीपा मलिक ही एकमात्र पदक जीत पाई थी।
टोक्यो में फरीदाबाद (मूल निवासी कथूरा, सोनीपत) के मनीष नरवाल (Manish Narwal) ने शूटिंग और सोनीपत के सुमित (Sumit) ने जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीते। झज्जर के योगेश काथुनिया (Yogesh Kathuniya) ने डिस्कस थ्रो और फरीदाबाद के सिंहराज अधाना (Singhraj Adhana) ने शूटिंग में सिल्वर मेडल हासिल किए, जबकि फरीदाबाद के सिंहराज ने शूटिंग व कैथल के हरविंदर सिंह (Harvinder Singh)) ने तीरंदाजी में ब्रॉन्ज मेडल जीता। हरविंदर (Harvinder Singh) ने तीरंदाजी में देश के लिए पैरालम्पिक खेलों का पहला पदक हासिल किया है।