– कोरोना के बाद लोगों को हताशा से निकालने का कलात्मक प्रयास है संडे थियेटर।
– संडे थियेटर-2 की दूसरी प्रस्तुति में पहुंचे शहर के गणमान्य व्यक्ति।
– दिल्ली से आए कलाकारों ने निभाई दृष्टिहीन किरदारों की जीवंत भूमिका।
रोहतक, 18 सितंबर। ‘उतार-चढ़ाव के साथ ही जीवन में रोमांच है और रोमांच के साथ ही जीने का असली मज़ा है। इसलिए हंसिए, खुश रहिए और खुश रहने के लिए हर समय अपनी कल्पना शक्ति को जागृत रखिए।’ यही संदेश दिया इस बार संडे थियेटर में हुए नाटक टैक्स फ्री ने। सप्तक रंगमंडल, पठानिया वर्ल्ड कैंपस और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में हुए इस नाटक में नाटकशाला थियेटर कम्पनी दिल्ली के कलाकारों ने करीब एक घंटे तक दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।
नाटक दृष्टिहीनों के लिए बने एक क्लब के चार सदस्यों के इर्दगिर्द घूमता है। क्लब में दो पुराने सदस्य हैं जो दृष्टिहीन होने के बावजूद न केवल खुद खुश रहने के रास्ते तलाशते रहते हैं, बल्कि हर नए आने वाले सदस्य को भी जीवन के नए नए अनुभवों से रूबरू करवाते हुए उसका भरपूर मनोरंजन करते हैं। वे विभिन्न घटनाओं और इधर-उधर से आने वाली आवाज़ों को लेकर ऐसी-ऐसी कल्पनाएं करते हैं कि क्लब के नए सदस्य काले का जीवन रोमांच से भर जाता है। कभी वे पड़ोस के बाथरूम से आने वाली आवाजों से किसी सुंदर युवती के नहाने की कल्पना करते हैं, तो कभी काले की पत्नी से खुद के अफेयर की काल्पनिक कहानी गढ़कर उसके मज़े लेते हैं। शुरू में काले उनसे परेशान हो जाता है और क्लब छोड़ने का निर्णय ले लेता है। लेकिन नाटक के अंत तक वह भी तनाव और निराशा से बाहर निकलने के लिए की जाने वाली इन कल्पनाओं में जीवन का रोमांच ढूंढ लेता है और क्लब छोड़ने का विचार त्याग देता है।
चंद्रशेखर फनसालकर द्वारा लिखित और नवीन दिवाकर द्वारा निर्देशित इस नाटक की रहस्य, रोमांच, भय, आक्रोश तथा हास्य एवं श्रृंगार रस से परिपूर्ण प्रस्तुति में नवीन दिवाकर, राजेश भट्ट, यश पाठक और संदीप राठौड़ ने अपने दमदार अभिनय से पूरे समय दर्शकों को बांधे रखा। सौरभ पुरी, डॉली आर्य और कलमेश कुमार ने भी अपनी भूमिकाओं से पूरा न्याय किया। राहुल शर्मा, एकलव्य, पंकज चौधरी, संदीप, राकेश, रोशन झा ने बैकस्टेज जिम्मेदारियां निभाईं, जबकि मनीषा मल्होत्रा ने कॉर्डिनेशन का काम किया। कार्यक्रम के मुख्यातिथि एवं आकाशवाणी रोहतक के केंद्र निदेशक सतीश वत्स, विशिष्ट अतिथि सर्वजीत अहलूवालिया और डॉ. हरीश वशिष्ठ ने स्मृतिचिन्ह देकर कलाकारों को सम्मानित किया।
इस अवसर पर मुख्यातिथि वत्स ने संडे थियेटर शुरू करने के लिए विश्वदीपक त्रिखा और उनकी टीम को बधाई देते हुए इस आयोजन में हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया। प्रतिष्ठित वेटरन टेबल टेनिस खिलाड़ी सर्वजीत अहलूवालिया ने बेहतरीन प्रस्तुति के लिए कलाकारों का शुक्रिया अदा किया। मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. हरीश ने कहा कि कोरोना के कारण पैदा हुए तनाव से पार पाने में ऐसे नाटक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। सुजाता रोहिल्ला ने कुशल मंच संचालन किया। अंत में सप्तक के अध्यक्ष वीडी त्रिखा ने अपने खर्च पर नाटक करने आए कलाकारों के साथ साथ दर्शकों व अतिथियों का धन्यवाद किया।
इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार सुनीत धवन, वीरेन्द्र फौगाट, राष्ट्रीय शिक्षक अवार्ड से सम्मानित धर्म सिंह अहलावत, अभिनेत्री डॉ. सविता, नंद सरदाना, रवि रविन्द्र, सिद्धार्थ भारद्वाज, सतीश कक्कड़, पवन गहलोत, विकास रोहिल्ला, गुलाब सिंह खांडेवाल, सुरेन्द्र धौला, शक्ति सरोवर त्रिखा, यतिन वाधवा, मनोज कुमार और अविनाश सैनी विशेष रूप से उपस्थित रहे।