– मांगें नहीं मानी गई तो 12 से निकालेंगे शहीद किसान यात्रा।
– 15 को भाजपा नेताओं का पुतला दहन होगा।
– 18 को रेल रोको आंदोलन।
– 26 को लखनऊ में किसान महापंचायत।
सारी दुनिया, 9 अक्टूबर। लखीमपुर खीरी हत्याकांड में नामजद दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग न मानने पर संयुक्त किसान मोर्चा ने देशव्यापी आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी है। मोर्चा नेताओं ने दिल्ली प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि 11 तरीख तक उनकी मांगें नहीं मानी गई तो 12 अक्टूबर से देशभर में शहीद किसान यात्रा का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा 15 अक्टूबर को दशहरे के अवसर पर प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और अन्य भाजपा नेताओं के पुतले जलाए जाएंगे, जबकि 18 अक्टूबर को रेल रोको आंदोलन होगा।
मोर्चा नेता बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हन्नान मोल्ला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, शिवकुमार शर्मा (कक्का जी), युद्धवीर सिंह और योगेंद्र यादव ने कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना को भारत के किसान आंदोलन के इतिहास में एक दर्दनाक अध्याय की तरह याद किया जाएगा। अब तक सार्वजनिक हुए तमाम वीडियो के माध्यम से इस घटना का पूरा सच देश के सामने आ चुका है। यह स्पष्ट है कि यह घटना अचानक नहीं हुई। अपराधी छवि का खुद बखान करने वाले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी ने पहले एक समुदाय विशेष के किसानों को धमकी दी, फिर विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों को उकसाने की कोशिश की, फिर उनके बेटे और उसके गुंडे गुर्गों ने प्रदर्शन से वापस जा रहे किसानों को पीछे से गाड़ी चलाकर रौंद दिया जिसमें 4 किसानों और एक पत्रकार की मौत हुई। इस नृशंस हत्याकांड में संलिप्त लोगों के चेहरे भी अब देश के सामने बेनकाब होने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि इस घटना ने केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और दोनों सरकारों में राज कर रही भारतीय जनता पार्टी के चरित्र को पूरी तरह से बेनकाब कर दिया है। इतने बड़े हत्याकांड और उसमें भाजपा नेताओं के संलिप्त होने के स्पष्ट प्रमाण होने के बावजूद भी सरकार अपने नेताओं और गुंडों के खिलाफ कोई कदम उठाने के लिए तैयार नहीं है। यह स्पष्ट है कि इस ऐतिहासिक किसान आंदोलन के सामने अपने पांव उखड़ते देखकर भाजपा अब हिंसा पर उतारु हो गई है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि किसान इस हिंसा का जवाब शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक जन-आंदोलन के जरिए देंगे। इस हत्याकांड और सरकार द्वारा संतोषजनक कार्यवाही न किए जाने के विरोध में एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलाया जाएगा।
बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा की पहली मांग
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने और द्वेष फैलाने, हत्या और षडयंत्र के आरोप में गिरफ्तार करने की है। दूसरी मांग हत्या के आरोपी मंत्रीपुत्र आशीष मिश्रा (मोनू) और उसके सहयोगियों (जिनमें सुमित जयसवाल और अंकित दास के नाम सामने आए हैं) को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
मोर्चा नेताओं के अनुसार, देश भर में 12 अक्टूबर को शहीद किसान दिवस के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने उत्तर प्रदेश और देशभर के किसानों से अपील है कि वे 12 अक्टूबर को तिकोनिया, जिला लखीमपुर खीरी में शहीद किसानों की अंतिम अरदास (भोग) में सम्मिलित होकर उन्हें श्रद्धांजलि दें। सभी किसान संगठन उस दिन अपने-अपने स्थान पर गुरुद्वारा, मंदिर, मस्जिद, चर्च या किसी सार्वजनिक स्थल, टोल प्लाजा या मोर्चा पर शहीद किसानों के लिए विशेष प्रार्थना सभा या श्रद्धांजलि सभा आयोजित करें। उस दिन शाम को मोमबत्ती मार्च आयोजित किए जाएं। देश के सभी न्यायप्रिय नागरिक उस शाम को पांच शहीदों की याद में पांच मोमबत्ती अपने घर के बाहर जलाएं।
किसान नेताओं के मुताबिक, 11 अक्टूबर तक संयुक्त किसान मोर्चा की मांगों को स्वीकार नहीं किया गया तो अंतिम अरदास के बाद लखीमपुर खीरी से शहीद किसानों के अस्थि कलश लेकर शहीद किसान यात्रा निकाली जाएगी। यह यात्रा उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले और देश के प्रत्येक राज्य के लिए अलग-अलग अस्थि कलश लेकर शुरू की जाएगी। इस यात्रा का समापन हर जिले और राज्य में किसी पवित्र या ऐतिहासिक स्थान पर किया जाएगा। इसके बाद 15 अक्टूबर को किसान विरोधी भाजपा सरकार के प्रतिरूप नरेंद्र मोदी, अमित शाह और स्थानीय नेताओं के पुतले जला कर उनके झूठ का दहन किया जाएगा। 18 अक्टूबर को देश भर में सुबह 10 बजे से 4 बजे तक रेल रोको आंदोलन आयोजित किया जाएगा और 26 अक्टूबर को लखनऊ में किसान महापंचायत का आयोजन होगा।