– निदेशक संजय भसीन ने किया 24 कलाकारों को ब्लैक लिस्ट।
– उत्तर क्षेत्र व उत्तर-मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्रों को पत्र लिखकर इन्हें काम न देने की सिफारिश की।
– मुख्यमंत्री का नाम लेकर किया उन्हीं कलाकारों को ब्लैक लिस्ट, जिन्हें खुद मुख्यमंत्री कर चुके हैं सम्मानित।
– देश में ऐसा पहली बार हुआ है कि कलाकारों को ऐसे ब्लैक लिस्ट किया गया हो।
– कला परिषद के निदेशक की ओर से पटियाला और इलाहाबाद भेजी गई लिस्ट से कलाकारों को काम मिलना हुआ बंद।
– विश्वदीपक त्रिखा ने की जांच की मांग।
रोहतक, 19 जनवरी। मल्टी आर्ट कल्चरल सेंटर कुरुक्षेत्र के पूर्व उप-निदेशक एवं प्रभारी विश्वदीपक त्रिखा ने हरियाणा के 24 कलाकारों के खिलाफ हरियाणा कला परिषद की कार्रवाई पर विरोध जाहिर किया है। उन्होंने कहा है कि इस प्रकार किसी कलाकार को ब्लैक लिस्ट करना न्याय संगत नहीं है। यह एक तरह से कलाकारों का मनोबल गिराना है। साथ ही उन्होंने कला परिषद की ओर से की गई इस कार्रवाई की जांच की भी मांग की है, क्योंकि विभाग के अधिकारियों द्वारा ऐसा कोई पत्र नहीं भेजने की बात कही जा रही है। उन्होंने कहा कि कला परिषद के निदेशक की इस हरकत से हरियाणा सरकार और मुख्यमंत्री मनोहर लाल की छवि धूमिल हुई है, क्योंकि यह देश भर में पहला मामला है, जब कलाकारों को इस तरह ब्लैकलिस्ट किया गया है। उन्होंने कहा कि कला परिषद के निदेशक ने व्यक्तिगत खुन्नस निकालने के लिए सरकार को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है।
विश्वदीपक त्रिखा ने कहा कि हरियाणा कला परिषद के निदेशक की ओर से हरियाणा के 24 कलाकारों के नाम सहित एक सूची बनाकर पटियाला और इलाहाबाद जोनल कल्चरल सेंटर्स को भेजी गई है। इस सूची में साफ लिखा गया कि सरकार के खिलाफ काम करने पर इन कलाकारों को ब्लैक लिस्ट किया गया है। इसलिए इन्हें कोई काम न दिया जाए। इसके साथ ही ये सभी 24 कलाकार वहां से भी ब्लैक लिस्ट हो गए हैं।
बता दें कि विश्वदीपक त्रिखा सहित प्रदेश के कई नामी-गिरामी कलाकार कलाकार लंबे समय से निदेशक संजय भसीन की कार्यप्रणाली और कलाकारों के साथ किए जा रहे भेदभाव का विरोध कर रहे हैं। इनमें से कई कलाकारों को खुद मुख्यमंत्री मनोहरलाल प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित कर चुके हैं। रंगमंच, संगीत और लोकनृत्य से जुड़े ये कलाकर भसीन पर अनेक गंभीर आरोप लगाते रहे हैं और इस बारे में मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर जांच की गुहार भी लगते रहे हैं। अब उन्होंने सीएम विंडो पर शिकायत देकर इस पत्र की जांच की मांग करते हुए कहा है कि कलाकारों के साथ ऐसा व्यवहार करके सरकार को बदनाम करने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
इसी संदर्भ में त्रिखा ने बताया कि ब्लैक लिस्ट करने के बारे में जब उन्हें पत्र मिला तो उसकी जानकारी मांगी गई। उन्होंने रोहतक जोन के एडिशनल डायरेक्टर और सीएम के ओएसडी गजेंद्र फौगाट व विभाग के प्रिंसिपल सेक्रट्री डी. सुरेश को पत्र लिखकर ब्लैक लिस्ट करने के बारे में जानकारी मांगी। दोनों अधिकारियों की ओर से जवाब मिला कि उन्होंने इस तरह का कोई पत्र जारी नहीं किया है।
त्रिखा का कहना है कि कलाकारों को ब्लैक लिस्ट करने वाले पत्र पर निदेशक संजय भसीन के हस्ताक्षर हैं। सरकार को उनसे जवाब लेना चाहिए कि आखिर कलाकारों ने क्या गुनाह किया है, जो उन्हें ब्लैक लिस्ट कर दिया गया। उनकी इस कार्यवाही से कलाकारों को काम मिलना बंद हो गया है। हरियाणा कला परिषद में पहले ही दुर्भावना से काम हो रहा है। कलाकार अधिकारियों की राजनीति का शिकार हैं। अब रही सही कसर उन्हें ब्लैक लिस्ट करके निकाल दी गई है। अब उनके सामने रोज़ी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। कोरोना की मार के चलते पहले ही भीख मांगने के कगार पर आ चुके कलाकारों के सामने ब्लैक लिस्टिंग ने एक नई मुसीबत खड़ी कर दी है।