रोहतक, 2 अप्रैल। उत्तर प्रदेश विधान परिषद में विरोधी दल के नेता व समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. संजय लाठर ने पंजाब विधानसभा में चंडीगढ़ के संबंध में प्रस्ताव पारित करने का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भी कई बार अलग प्रदेश की मांग उठती है। लेकिन जब भौगोलिक की बजाय राजनीतिक बंटवारे होंगे तो प्राकृतिक संसाधनों के लिए परेशान होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और सुप्रीम कोर्ट को इस पर संज्ञान लेना चाहिए तथा हरियाणा को उसका हक मिलना चाहिए। जींद के बुड्ढा खेड़ा गांव के मूल निवासी व जुलाना से तीन बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके संजय लाठर रोहतक के सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उत्तर प्रदेश चुनाव का जिक्र करते हुए डॉ. संजय ने ईवीएम पर सवाल खड़े करटे हुए कहा कि ईवीएम पर अब भरोसा नहीं बचा है। अमेरिका जैसे देश में भी ईवीएम से चुनाव नहीं होते। उन्होंने तकनीक आधारित चुनाव का विरोध किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश चुनाव में इस बार समाजवादी पार्टी के पक्ष में ऐतिहासिक माहौल था, लेकिन भाजपा ने धन, सत्ता और ईवीएम के जरिए जनादेश को लूट लिया। डॉ. संजय लाठर ने बताया कि इस बार उत्तर प्रदेश चुनाव में 80 साल से ज्यादा उम्र के लोगों, दिव्यांगों आदि के बैलेट के जरिए वोट डाले गए और बैलेट की गणना में समाजवादी पार्टी ने 309 सीटों पर बढ़त हासिल की। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव से कुछ दिन पहले ही हर विधानसभा क्षेत्र में समाजवादी पार्टी के समर्थकों के वोट काट दिए गए और बड़ी संख्या में बूथ भी बदल दिए गए।
बसपा को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा ने बसपा को भी खरीद लिया। अगर बसपा मजबूती से चुनाव लड़ती तो हर हाल में समाजवादी पार्टी की सरकार बनती। बसपा ने सपा उम्मीदवारों को हराने का काम किया, जिसके चलते 60 के करीब सपा प्रत्याशी बहुत कम अंतर से हार गए।बइसी प्रकार आम आदमी पार्टी ने भी ऐसे उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे, जिनसे समाजवादी पार्टी को नुकसान हुआ। उन्होंने आम आदमी पार्टी को समाजवादी पार्टी की बी टीम करार दिया।
यूपी विधान परिषद में विरोधी दल के नेता ने देश की सभी विपक्षी पार्टियों से एकजुट होने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव के नेतृत्व में विपक्षी एकता का नया मोर्चा बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ही एकमात्र ऐसे नेता हैं जो आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को उत्तर प्रदेश में हरा सकते हैं। अगर उत्तर प्रदेश में भाजपा हारी तो फिर उसका कहीं भी सत्ता में आना मुश्किल है। शिवपाल यादव से जुड़े हुए सवाल पर समाजवादी पार्टी के नेता ने कहा कि उनकी अलग पार्टी है। हालांकि शिवपाल ने समाजवादी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ा था। तेल के दामों में हो रही लगातार बढोतरी पर उन्होंने कहा कि यह जनता की नहीं, उद्योगपतियों की सरकार है। उन्होंने तेल पर जीएसटी लागू करने की मांग की। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एडवोकेट अमित काजल व सुधीर मलिक भी मौजूद रहे।