नई भर्तियों पर रोक की घोषणा के दो दिन बाद ही हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने स्पष्ट किया है कि उनके फैसले का पहले से चल रही भर्ती प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने यह बात 28 अप्रैल को विभिन्न कर्मचारी संगठनों, हरियाणा सर्व कर्मचारी महासंघ, हरियाणा सर्व कर्मचारी संघ, हरियाणा राज्य कर्मचारी संघ और भारतीय मजदूर संघ के नेताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई एक बैठक में कही। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन खत्म होते ही करीब 12000 पदों के लिए ली जा चुकी लिखित परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 12,316 पदों पर भर्ती के लिए पहले ही लिखित परीक्षा आयोजित की जा चुकी है। लॉकडाउन की अवधि पूरी होने के तुरंत बाद इनका अंतिम परिणाम घोषित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान राज्य सरकार ने पांच वर्ष में 68,560 पद हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) और लगभग 5000 पद हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) द्वारा भरे हैं। इसके विपरीत, पिछली सरकार द्वारा अपने 10 वर्षों के कार्यकाल में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा लगभग 80,000 और हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा लगभग 8000 पदों को ही भरा गया था।
कर्मचारियों को सरकार की रीढ़ की हड्डी बताते हुए खट्टर ने कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारियों को 17 प्रतिशत महंगाई भत्ते (डीए) का लाभ मिलता रहेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि देशव्यापी लॉकडाउन के कारण लगे प्रतिबंधों के बावजूद विवाह जैसे अपरिहार्य व्यय के लिए राज्य सरकार के कर्मचारियों द्वारा अग्रिम जीपीएफ की निकासी पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।