स्मृति-शेष
गुजरे जमाने के मशहूर फिल्ममेकर और स्क्रीनप्ले राइटर बासु चटर्जी का 4 जून को 93 साल की उम्र में निधन हो गया। बॉलीवुड में बासु दा के नाम से प्रसिद्ध बासु चटर्जी 1970-80 के दशक के चर्चित निर्माता-निर्देशक थे।10 जनवरी 1930 को अजमेर में जन्मे बासु दा के निधन से बॉलीवुड में शोक की लहर फैल गई। उनके साथ काम कर चुके अनेक फिल्मी सितारों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। सुपर स्टार अमिताभ बच्चन, अमोल पालेकर, शबाना आजमी, शूजित सरकार आदि ने बासु दा के निधन पर गहरा शोक जताया है।
अमिताभ बच्चन ने ट्वीट करके उनके निधन पर श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘बासु चटर्जी के निधन पर प्रार्थना और संवेदना.. एक शांत, मृदुभाषी, सौम्य मानव.. उनकी फिल्मों ने मध्य भारत के जीवन को दर्शाया.. उनके साथ ‘मंजिल’ में काम किया.. एक दुखद नुकसान.. इन पंक्तियों के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा ‘रिम झिम गिरे सावन’…’
अभिनेत्री शबाना आजमी ने भी बासु दा के निधन पर शोक व्यक्त किया है। शबाना ने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘बासु चटर्जी के निधन के बारे में सुनकर गहरा दुःख हुआ। विपुल फिल्म निर्माता, वे सड़क सिनेमा के बीच में आने के लिए अग्रणी थे। मुझे उनके साथ स्वामी, अपने पराये, और जीना यहां जैसी 3 प्यारी फिल्में करने का सौभाग्य मिला। भगवान आपकी आत्मा को शांति दें।’
गौरतलब है कि बासु चटर्जी ने फिल्म इंडस्ट्री को कई यादगार फिल्में दी हैं। उनकी फिल्में आज भी उतनी ही ताजातरीन लगती हैं, जितनी कि रिलीज होने के समय थीं। उनकी चर्चित फिल्मों में पिया का घर (1972), रजनीगंधा (1974), उस पार, छोटी सी बात (1975), चितचोर (1976), प्रियतमा (1977), खट्टा मीठा, चक्रव्यूह (1978), बातों बातों में (1979), मन पसंद, हमारी बहू अलका, शौकीन (1982), चमेली की शादी, एक रुका हुआ फैसला (1986) और कमला की मौत (1989) शामिल हैं। एक रुका हुआ फैसला और कमला की मौत की पटकथा सामाजिक और नैतिक मुद्दों पर केन्द्रित थी। चमेली की शादी व्यावसायिक रूप से उनकी अंतिम सफल फिल्म थी।