आखिरकार कानपुर में डीएसपी सहित 8 पुलिसकर्मी की हत्या का आरोपी कुख्यात बदमाश विकास दुबे पकड़ में आ ही गया। वारदात के आठ दिनों बाद विकास को मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया है।
उसकी गिरफ्तारी में महाकाल मंदिर के कर्मचारियों की बड़ी भूमिका रही है।
महाकाल मंदिर के पुजारी आशीष ने बताया कि विकास दुबे ने 250 रुपये की रसीद कटवाकर मंदिर में प्रवेश किया था। जब वह रसीद कटवाने के लिए पहुंचा तभी वहां मौजूद कर्मचारी को लगा कि यह विकास दुबे है। शक होने पर मंदिर के कर्मचारियों ने उसे गिरफ्त में ले लिया।
पुजारी आशीष के अनुसार, जब मंदिर परिसर में तैनात सुरक्षाकर्मियों को लगा कि इस शख्स की शक्ल कानपुर के कुख्यात अपराधी विकास दुबे से मिलती है, तो उन्होंने उसे पकड लिया और मंदिर परिसर में स्थित पुलिस चौकी को सूचना दे दी। यह पूरी घटना सुबह 9 बजे के आसपास की है।
पुजारी ने बताया कि गिरफ्त में आने के बाद विकास दुबे ने किसी भी तरह की गलत हरकत नहीं की। उसने भागने की भी कोशिश नहीं की। बता दें कि विकास दुबे को जिन कर्मचारियों ने पकड़ा है उनके पास कोई हथियार नहीं था।
यह भी कहा जा रहा है कि एनकाउंटर के डर से विकास दुबे खुद से सरेंडर करना चाहता था। मंदिर परिसर में पहुंचने के बाद वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा कि वही विकास दुबे है। उसी ने महाकाल मंदिर के सुरक्षाकर्मियों से कहा कि वे पुलिस को उसके वहां होने की सूचना दे दें।