आठ जून को चंडीगढ़ में एक प्रेस वार्ता में अभय चौटाला ने किसानों के मुद्दों को लेकर भी सरकार को जमकर लताड़ा। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ लॉकडाउन में सरकार ज्यादती कर रही है। किसानों की फसलें मंडियों में पड़ी है और सरकार को किसानों की कतई चिंता नहीं है। अभय चौटाला ने सरकार पर धान घोटाले को लेकर भी एक बार फिर घेरने की कोशिश की है।
भाजपा-जजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए अभय सिंह चौटाला ने कहा कि कोरोना की आड़ में किसान को लूटने के साथ-साथ व्यापारी का व्यापार खत्म कर दिया गया है। सरकार 20 हजार करोड़ रुपए का राजस्व घाटा दिखाकर अतिरिक्त कर्ज का बोझ जनता पर लादने जा रही है। हजारों करोड़ रुपए की फर्जी बिलिंग करके लाखों लोगों की गाढ़े खून-पसीने की कमाई को खाने का काम कर रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री को श्वेत-पत्र जारी कर लोगों को बताना चाहिए कि इस कोरोना महामारी में किस-किस मद में कितना पैसा खर्च हुआ है। कोरोना संक्रामित मरीज लगातार बढ़ रहे हैं, जिन्हें समय पर न खाना दिया जा रहा है और न ही इलाज किया जा रहा है।
इनेलो नेता ने बताया कि सरकार द्वारा किसानों को आज भी लूटा जा रहा है। चने की खरीद नहीं हो रही है। 20 हजार किसानों की सरसों घर पर पड़ी है। इसके अलावा कागजों में 100 प्रतिशत गेहूं की अदायगी दिखा दी है, जबकि असल में भुगतान अभी तक भी नहीं किया गया है। सरकार की ओपन मार्केट योजना की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि यह योजना किसानों के लिए संकट खड़ा कर रही है। आज भी पानीपत और करनाल का किसान जिसने यूपी में गन्ना डाला था, उनका सैकड़ों करोड़ बकाया रुपया फंसा पड़ा है। यही हालत आने वाले वक्त में धान की भी होगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने एमएसपी से बचने के लिए यह ओपन मार्केट योजना शुरू की है।