गुजरात उच्च न्यायालय ने भाजपा नेता और गुजरात सरकार में वरिष्ठ मंत्री भूपेंद्र सिंह चूड़ास्मा के चुनाव को रद्द कर दिया है। कांग्रेस उम्मीदवार अश्विन राठौड़ की याचिका पर फैसला सुनाते हुए जस्टिस परेश उपाध्याय ने उन्हें कदाचार और हेराफेरी का आरोपी पाया और उनके निर्वाचन को निरस्त कर दिया। चूड़ास्मा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में धोलका विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था और मात्र 327 वोटों के अंतर से जीते थे।
वर्तमान में विजय रूपाणी सरकार में शिक्षा, कानून और न्याय, विधायी और संसदीय मामलों सहित कई अन्य विभागों का प्रभार संभाल रहे चूड़ास्मा की जीत को चुनौती देते हुए कांग्रेस प्रत्याशी अश्विन राठौड़ ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। उनका आरोप था कि चूड़ास्मा ने चुनाव प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में, विशेष रूप से वोटों की गिनती के समय भ्रष्ट आचरण अपनाया और चुनाव आयोग के कई अनिवार्य निर्देशों का उल्लंघन किया।
आपको बता दें कि भूपेंद्र सिंह चूड़ास्मा का विवादों से चोली-दामन का साथ रहा है। पिछले साल भी उनका एक निर्णय काफी विवादों में रहा था। जनवरी 2019 में उन्होंने गुजरात के स्कूलों में हाजिरी (अटेंडेंस) के समय ‘यस सर/यस मैडम’ और ‘प्रेजेंट सर/ प्रेजेंट मैडम’ बोलने की बजाय ‘जय हिंद’ या ‘जय भारत’ कहने का निर्देश दिया था, जिस पर काफी बवाल हुआ था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने चूड़ास्मा के विरुद्ध आए इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि चूड़ास्मा जनसंघ के दिनों से ही पार्टी के समर्पित सदस्य रहे हैं। पार्टी पूरी तरह से उनके साथ है। कानूनी विकल्पों की बात करते हुए पटेल ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले का अध्ययन करने के बाद तुरंत इसके खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी।
दूसरी ओर, कांग्रेस ने उच्च न्यायालय के फैसले पर खुशी जताते हुए इसे सच्चाई की जीत बताया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने ट्वीट करते हुए, ‘सत्यमेव जयते’ लिखा है। ज्ञात हो कि कांग्रेस लंबे समय से भाजपा पर चुनाव में धांधली करने का आरोप लगाने के साथ-साथ विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर भी उसे कटघरे में खड़ा करती रही है। पिछले दिनों कई कांग्रेस विधायकों के पार्टी से बगावत करके भाजपा में शामिल होने पर भी कांग्रेस ने सत्ताधारी दल पर निशाना साधा था। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा अनैतिक तरीके अपनाकर ही सत्ता पर काबिज है।