भू-जल संरक्षण के नाम पर हरियाणा सरकार काफी समय से रकबा घटाने में जुटी हुई है। इसी कड़ी में अब सरकार ने राइस शूट पॉलिसी भी बदल दी है, जिसके चलते धान उत्पादक किसानों को अब नहरी पानी भी कम दिया जाएगा। नई पॉलिसी के अनुसार 20 एकड़ से कम भूमि पर कहीं भी राइस शूट नहीं दिया जाएगा। इस 20 एकड़ में से भी किसान केवल 15 एकड़ भूमि में ही धान लगा सकेंगे।
गौरतलब है कि इस पॉलिसी को साल 2018 में बनाया तो गया था, लेकिन किसानों के विरोध के चलते सरकार इसे टाल रही थी। कोरोना काल का लाभ उठाकर अब सरकार ने इसे लागू कर दिया गया है। सिंचाई विभाग के चीफ ने इससे संबंधित आदेश भी जारी कर दिए हैं, जिसके तहत भाखड़ा कमांड सिस्टम में जहां यमुना और घग्गर नदी का पानी मिलेगा, वहां पर राइस मिल शूट जारी रहेंगे। जबकि शेष सभी राइस शूट पूरी तरह से खत्म कर दिए गए हैं।
वहीं, पश्चिमी यमुना कैनाल सिस्टम (यमुनानगर-करनाल-पानीपत-जींद-रोहतक) में राइस शूट के लिए 2024 तक हर साल आवंटित पानी की मात्रा 25 फीसद से घटाकर 3 फीसदी तक कम कर दी जाएगी। यही नहीं, हर साल पुराने राइस शूट की संख्या में 50 फीसद कटौती की जाएगी, जिससे 2022 के बाद कोई पुराना राइस शूट नहीं मिलेगा। नए राइस शूट भी 3 फीसदी तक सीमित रहेंगे।
इसके अलावा भाखड़ा सिस्टम (कैथल,कुरुक्षेत्र,अंबाला, हिसार, सिरसा, फतेहाबाद) में राइस शूट के लिए जो 10 फीसद तक पानी आवंटित होगा, उसे भी कम करके 2024 तक 3 फीसद तक घटना दिया जाएगा। वहीं, अगले दो साल में सभी पुराने राइस शूट खत्म कर दिए जाएंगे और नए राइस शूट भी तीन फीसदी तक सीमित रहेंगे। साथ ही, दस क्यूसेक से कम के रजबाहों पर कोई राइस शूट नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा राइस शूट की फीस में 100 प्रतिशत तक की वृद्धि करके इसे 300 रुपए प्रति एकड़ कर दिया गया है।
गौरतलब है हरियाणा में 35.13 लाख एकड़ भूमि पर धान की खेती की जाती है और यहां हर साल करीब 50 लाख टन धान पैदा होता है। पहले की पॉलिसी में नए किसानों को राइस शूट का मौका नहीं मिलता था, इसलिए अब ट्रेडिशनल राइस शूट पॉलिसी में बदलाव किया गया है। इसके तहत 50 प्रतिशत तक कोटा नए किसानों के लिए आरक्षित होगा। वहीं, लाटरी सिस्टम के साथ किसानों के नाम भी तय किए जाएंगे। पहले तीन साल से ज्यादा समय से ट्रेडिशनल राइस शूट लेने वाले किसानों को भी कनेक्शन दिया जाता था। इसके बाद पानी की उपलब्धता रहने पर ही नए किसानों के केस स्वीकृत होते थे। अब तीन साल में ट्रेडिशनल कोटा खत्म कर दिया जाएगा।