।। अशोक पांडे ।। हरियाणा में रोहतक के केवल गंज के एक मध्यवर्गीय परिवार में जन्मी दसेक साल की उस दुबली मुस्लिम लड़की की एक सबसे पक्की हिन्दू सहेली थी। सहेली और उसकी बहन अपने संगीतप्रेमी पिता के निर्देशन में क्लासिकल गाना सीख रही थीं। एक दिन उस लड़की ने उनके सामने ऐसे ही कुछ…
Category: सरहद पार से
दास्तान एक हवेली की
मूल अंग्रेज़ी: सलमान रशीद हिन्दी भावानुवाद : रमणीक मोहन (भारत हो या पाकिस्तान, हम आम तौर पर अपनी विरासती इमारतों को सम्भालने के मामले में कमोबेश कमज़ोर ही हैं। पुरानी हवेलियाँ ढहती चली जाती हैं और इस तरफ़ किसी का भी ध्यान नहीं जाता। कितनी तसल्ली की बात होती है और कितनी ख़ुशी की, जब…
सरहद पार से – 11
बंटवारा जो बांट न सका मूल अंग्रेज़ी: सलमान रशीद अनुवाद: रमणीक मोहन ‘सरहद पार से’ कॉलम में आप ने सलमान रशीद के लेख पढ़े हैं जिन में वे भारत और पाकिस्तान की साझा विरासत की बात करते हैं – ख़ास तौर से वे लेख जिन में हमें सर गंगा राम के हवाले से बहुत कुछ…
सरहद पार से – 10
रोबॉटों का खेल – ऋचा नागर ऋचा नागर एक अर्थ में कई सरहदों के पार से ‘सारी दुनिया’ के साथ जुड़ी हैं। वे यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिनिसोटा (संयुक्त राज्य अमेरिका) में ‘प्रोफ़ेसर ऑफ़ द कॉलेज,’ ‘बेनेट चेयर इन एक्सिलेंस’ एवं ‘फ़िंक प्रोफ़ेसर इन लिबरल आर्ट्स’ के सम्मान के साथ कार्यरत हैं। उन द्वारा अर्जित साहित्य के संस्कार दादा अमृतलाल नागर के साये में पनपे। वे सामाजिक हिंसा…
सरहद पार से – 9
लाहौर में लखनऊ : ऋचा नागर एक अर्थ में कई सरहदों के पार से ‘हमारी दुनिया’ के साथ जुड़ी हैं। वे यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिनिसोटा (संयुक्त राज्य अमेरिका) में ‘प्रोफ़ेसर ऑफ़ द कॉलेज,’ ‘बेनेट चेयर इन एक्सिलेंस’ एवं ‘फ़िंक प्रोफ़ेसर इन लिबरल आर्ट्स’ के सम्मान के साथ कार्यरत हैं। उन द्वारा अर्जित साहित्य के संस्कार दादा…
सरहद पार से – 8
बख़्तावर, बेनज़ीर और कारियों के क़ब्रिस्तान की आहोबुका (असलम ख़्वाजा) : लेखक असलम ख़्वाजा के कॉलम पाकिस्तान के अख़बारों में छपते रहे हैं जिन में वे ख़ुद को ‘आवारागर्द’ कहते हुए अपनी बात रखते हैं। उन की इजाज़त से उन के इस लेख को ज़रूरत के मुताबिक़ थोड़ी-बहुत सम्पादकीय छूट लेते हुए उर्दू से देवनागरी…
सरहद पार से – 7
तुम लाहौर से आवाज़ देना, मैं आगरा में मिल जाऊँगा (ऋचा नागर) : ऋचा नागर एक अर्थ में कई सरहदों के पार से ‘हमारी दुनिया’ के साथ जुड़ी हैं। वे यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिनिसोटा (संयुक्त राज्य अमेरिका) में ‘प्रोफ़ेसर ऑफ़ द कॉलेज,’ ‘बेनेट चेयर इन एक्सिलेंस’ एवं ‘फ़िंक प्रोफ़ेसर इन लिबरल आर्ट्स’ के सम्मान के साथ…
सरहद पार से – 6
लरिटा अड्डा बाग़ (ऋचा नागर) : इस बार ‘सरहद पार से’ के लिए एक अलग तरह का लेख, जिसे लिखने वालीं ऋचा नागर एक अर्थ में कई सरहदों के पार से ‘हमारी दुनिया’ के साथ जुड़ी हैं। वे यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिनिसोटा (संयुक्त राज्य अमेरिका) में ‘प्रोफ़ेसर ऑफ़ द कॉलेज,’ ‘बेनेट चेयर इन एक्सिलेंस’ एवं ‘फ़िंक…
सरहद पार से – 5
माज़ी, मुस्तक़्बिल और ईधी का झूला (असलम ख़्वाजा) : लेखक असलम ख़्वाजा के कॉलम पाकिस्तान के अख़बारों में छपते रहे हैं जिन में वे ख़ुद को ‘आवारागर्द’ कहते हुए अपनी बात रखते हैं। उन की इजाज़त से उन के इस लेख को ज़रूरत के मुताबिक़ थोड़ी-बहुत सम्पादकीय छूट लेते हुए उर्दू से देवनागरी में लिप्यन्तरित…
सरहद पार से – 4
गंगा राम का बनवाया पावर-हाउस (सलमान रशीद) : सलमान रशीद मूल रूप से यात्रा-वृत्तांतों के लेखक हैं और उन के इन वृत्तांतों की कई पुस्तकें छप चुकी हैं। यह लेख उन की किताब ‘प्रिज़्नर ऑन अ बस – ट्रैवल्ज़ थ्रू पाकिस्तान’ से लिए गए मूल अंग्रेज़ी लेख ‘द पावर हाउस दैट गंगा राम बिल्ट’ का…