सारी दुनिया। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा फिर से चुनाव सुधार की कोशिशें तेज़ कर दी हैं। इस कड़ी में उन्होंने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को चिट्ठी लिख कर चुनाव सुधारों से जुड़े प्रस्तावों पर जल्द विचार करने का अनुरोध किया है। इनमें सबसे प्रमुख प्रस्ताव चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने वाले उम्मीदवारों को 2 साल की सजा देने का है। चंद्रा ने कहा, “मैंने कानून मंत्री को लिखा है कि चुनाव सुधार के लिए तेज गति से कदम उठाए जाएं। उम्मीद है कि कानून मंत्रालय चुनाव सुधार के प्रस्तावों पर शीघ्र विचार करेगा।”
बता दें कि अभी चुनावी घोषणापत्र में गलत जानकारी देने पर 6 महीने की सजा का प्रावधान है। चुनाव आयोग ने इसे बढ़ाकर 2 साल करने की सिफारिश की है। इसके साथ ही, ऐसे उम्मीदवार के चुनाव लड़ने पर 6 साल तक रोक लगाने का भी प्रस्ताव है। एक अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव है कि ‘पेड न्यूज़’ को जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत अपराध माना जाए और इसके लिए ठोस प्रावधान किए जाएं। आयोग की सिफारिश है कि चुनाव प्रचार खत्म होने और मतदान के दिन के बीच वाले समय में अखबारों में दिए जाने वाले राजनीतिक विज्ञापनों पर रोक लगाई जाए। इसके लिए जनप्रतिनिधित्व कानून में संशोधन किया जाए। वर्तमान कानून के अनुसार, मतदान प्रक्रिया पूरी होने से पहले के 48 घंटो में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर चुनावी विज्ञापन दिखाने पर रोक है।
चुनाव आयोग द्वारा सुझाई सुधारों की फेहरिस्त में मतदाता सूची को आधार से जोड़ने की बात भी की गई है। इससे एक से अधिक स्थानों पर मतदाता सूची में नामों पर रोक लगानी संभव हो सकेगी। गौरतलब है कि कानून मंत्री शिवशंकर प्रसाद ने लोकसभा में कहा था कि चुनाव सुधारों का प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन है।