- सरोज खान ने करीब 2 हजार गीतों को कोरियाग्राफ किया था
- सांस लेने में तकलीफ के चलते कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थीं
हवा-हवाई, एक-दो-तीन, धक-धक करने लगा और डोला रे डोला जैसे आल टाइम हिट फिल्मी गीतों को कोरियाग्राफ करने वाली बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। उन्होंने गुरुवार, 2 जुलाई को देर रात मुंबई के गुरु नानक हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। वे कई दिन से बीमार चल रहीं थीं और अस्पताल में भर्ती थीं। उन्हें सांस लेने में तकलीफ महसूस होने पर 24 जून को अस्पताल लाया गया था। उनका कोरोना टेस्ट भी हुआ था, जो निगेटिव आया था।
अभिनेता ऋषि कपूर, इरफान खान, सुशांत सिंह राजपूत, गीतकार योगेश और म्यूजिक कंपोजर वाजिद खान की असमय मौत के बाद सरोज खान का जाना फिल्म नगरी के लिए एक और बड़ा झटका है। मृत्यु के समय सरोज के पति बी. सोहनलाल, बेटा हामिद खान व दोनों बेटियां, हिना और सुकन्या उनके पास थीं।
फिल्म जगत के सबसे चर्चित नृत्य निर्देशकों में शामिल रहीं 71 साल की सरोज खान ने 40 साल से भी अधिक समय तक बॉलीवुड पर राज किया। इस दौरान उन्होंने 200 से ज़्यादा फ़िल्मों के करीब दो हजार गाने कोरियोग्राफ किए। मिस्टर इंडिया, नगीना, चांदनी, तेजाब, थानेदार, खलनायक,चालबाज, हम दिल दे चुके सनम, देवदास, बेटा, इश्क़, गुरु, जब वी मेट, लगान आदि उनकी हिट फिल्में थीं।
श्रीदेवी, माधुरी दीक्षित और ऐश्वर्या राय सहित बॉलीवुड की तमाम बड़ी एक्ट्रेस को अपने इशारों पर नचाने वाली सरोज खान ने 1974 में आई फिल्म ‘गीता मेरा नाम’ से डेब्यू किया था। इसमें ड्रीम गर्ल हेमामालिनी मुख्य भूमिका में थीं। सन 1987 में उन्होंने अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित स्टारर फिल्म मिस्टर इंडिया में डांस कोरियोग्राफ किए जिसका गाना ‘हवा-हवाई’ सुपर-डुपर हिट रहा। इसके बाद उनके निर्देशन में तेजाब फिल्म का गाना ‘एक दो तीन’ देशभर में तहलका मचाने में कामयाब रहा। सन 1988 में आई इस फिल्म से माधुरी दीक्षित युवा दिलों की धड़कन बन के उभरी थीं। 1992 में आई फिल्म बेटा का गीत ‘धक-धक करने लगा’ और 2002 की हिट मूवी देवदास का गाना ‘डोला रे डोला’ भी उनके हिट नंबर रहे हैं। इनके अलावा ‘निंबुड़ा-निंबुड़ा’, ‘ना जाने कहां से आई है’ और ‘चोली के पीछे क्या है’ को भी दर्शक आज तक भुला नहीं पाए हैं।
माधुरी दीक्षित सरोज की पसंदीदा एक्ट्रेस रहीं, जिनकी नृत्य प्रतिभा को निखार कर सिल्वर स्क्रीन पर लाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मजे की बात है कि उन्होंने अपना आखिरी गाना भी माधुरी के साथ ही किया। असल में, सरोज खान ने पिछले साल करण जौहर की फिल्म कलंक के लिए अपना आखिरी गाना ‘तबाह हो गए’ कोरियोग्राफ किया था, जिसमें उनकी फेवरेट एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित भी महत्वपूर्ण किरदार में नजर आईं थीं।
लंबे समय तक बॉलीवुड की लीड कोरियोग्राफर रहीं सरोज खान ने हिंदी फिल्मों के अलावा साउथ की कई फिल्मों में भी एक्टर्स को डांस स्टेप्स सिखाए। बेहतरीन नृत्य निर्देशन के लिए उन्हें तीन बार नेशनल अवॉर्ड प्रदान किए गए।उनके अवॉर्डस की लिस्ट में फिल्म ‘जब वी मेट’ के लिए बेस्ट कोरियोग्राफर का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, फिल्म ‘गुरु’ के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड, ‘देवदास’ के लिए फिल्म फेयर पुरस्कार और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार व फिल्म ‘लगान’ के लिए अमेरिकन कोरियोग्राफी अवॉर्ड शामिल हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि सरोज खान का असली नाम निर्मला नागपाल था। उन्होंने महज 3 साल की उम्र में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था। उनकी पहली फिल्म नजराना थी, जिसमें उन्होंने श्यामा नाम की बच्ची का किरदार निभाया था। कैरियर की शुरुआत में वे बतौर बैकग्राउंड डांसर काम करती थीं। सरोज की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि उन्होंने कभी किसी आफर को नहीं ठुकराया। उनका कहना था कि जब काम नहीं मिलता तो बहुत दुख होता है, इसलिए कभी किसी काम को न मत कहो।
सरोज सामाजिक सरोकारों से भी गहरे से जुड़ी थीं। कोरोना संक्रमण फैलने पर लोगों को जागरूक करने के लिए आगे आईं फिल्मी हस्तियों में वे भी शामिल थीं। मई में उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें वे देशवासियों से कोरोना योद्धाओं की रिस्पेक्ट करने की अपील करते हुए नजर आ रही थीं। सरोज ने इस वीडियो में कहा था- ‘आप क्यों नहीं समझते हैं। बच्चों से जिंदगी मत छीनो। कुछ तो रिस्पेक्ट दिखाओ। भगवान के वास्ते, अल्लाह के वास्ते अपनी देखभाल करो। घर पर रहो।’
अलविदा सरोज! हंसी-खुशी के माहौल में जब भी मन बॉलीवुड संगीत की मस्ती में थिरकेगा, निस्संदेह तुम ज़रूर याद आओगी।