अनिश्चितता में चल रहे कॉलेज और यूनिवर्सिटी छात्रों को राहत प्रदान करते हुए राज्य सरकार ने तय किया है कि फाइनल को छोड़कर बाकी सभी कक्षाओं के छात्र बिना परीक्षा ही अगली कक्षा में कर दिए जाएंगे। उच्च शिक्षा विभाग, हरियाणा ने 12 जून को जारी एक पत्र में इस बाबत स्पष्ट निर्देश दिए हैं। पत्र के अनुसार राज्य के सभी कॉलेज और विश्वविद्यालय 30 जून तक पूरी तरह बंद रहेंगे। फाइनल कक्षाओं की परीक्षाएं 1 से 31 जुलाई के बीच होंगी और उनका परिणाम 7 अगस्त तक घोषित कर दिया जाएगा। ये परीक्षाएं पहले की तरह ही परीक्षा केंद्रों पर होंगी, जहां सोशल डिस्टेंसिंग, सैनेटाइजेशन आदि के नियमों को सख्ती से लागू किया जाएगा। सरकार ने कहा है कि इस दौरान होस्टल पूरी तरह बंद रहेंगे। परीक्षाओं के दौरान भी छात्रावास नहीं खोले जाएंगे।
मुख्य बात यह है कि विभाग ने फाइनल सेमेस्टर के हरियाणा से बाहर के छात्रों को इस परीक्षा से छूट प्रदान की है। दूसरे राज्यों या विदेश से आकर परीक्षा देने में असमर्थ छात्रों के संदर्भ में, या तो पहले के सैमेस्टर्स की उनकी परीक्षाओं के परिणाम का औसत निकाला जाएगा और उसे फाइनल का परिणाम माना जाएगा, या फिर वे बाद में आकर अपनी परीक्षाएं दे सकते हैं।
उच्च शिक्षा विभाग के निर्णय अनुसार फाइनल के अलावा बाकी सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों को बिना परीक्षा के अगली कक्षा में प्रवेश दे दिया जाएगा। उनकी पिछली परीक्षा के 50 फीसदी अंकों और इंटरनल एसेसमेंट/एसेसमेंट के 50 फीसदी अंकों को रखकर उनका मौजूदा सैमेस्टर का परिणाम निकाला जाएगा। जिन विद्यार्थियों की पिछले सैमेस्टर में री-अपीयर या कम्पार्टमेंट आ चुकी है, उन्हें भी अगली कक्षा में प्रवेश दे दिया जाएगा और वे री-अपीयर की परीक्षाएं बाद में दे सकेंगे। विभाग ने यह छूट भी दी है कि अगर कोई विश्वविद्यालय इन कक्षाओं के लिए भी परीक्षा आयोजित करना चाहे, तो उसे ऐसा करने की अनुमति होगी।
प्रैक्टिकल की बात करें तो जिन कक्षाओं के प्रैक्टिकल नहीं हुए हैं, उनके पिछले प्रैक्टिकल या पिछली लिखित परीक्षा के 80% अंक में से जो अधिक होगा, उसे इस बार का प्रैक्टिकल का स्कोर माना जाएगा। राज्य के पॉलीटेक्निक कॉलेजों में भी फाइनल की परीक्षाओं तथा अन्य कक्षाओं और प्रैक्टिकल आदि के बारे इसी तर्ज पर निर्णय लिया जाएगा।
विश्वविद्यालयों में नई कक्षाओं के दाखिले विश्वविद्यालय के स्तर पर ही होंगे जबकि कॉलेजों में दाखिले पहले की तरह प्रदेश स्तरीय ऑनलाइन काउंसलिंग से होंगे। कॉलेज और विश्वविद्यालयों को खोलने के बारे में फैसला परीक्षाओं के बाद किया जाएगा। इस बारे में सभी उपकुलपति अगले 10 दिनों में राज्य सरकार को अपनी सिफारिश भेजेंगे। इसके बाद केंद्र सरकार के आदेशों के बाद फैसला लिया जाएगा।
उच्च शिक्षा विभाग हरियाणा के इन स्पष्ट आदेशों से यह तो साफ हो गया है कि कॉलेजों या विश्विद्यालयों में कम से कम 7 अगस्त तक तो सामान्य कक्षाएं नहीं ही लगेंगी। जाहिर है कि इससे छात्रों को काफी राहत भी मिली है। हालांकि कोरोना के बढ़ते मामलों और होस्टल बन्द होने के कारण परीक्षा के दौरान रहने की परेशानी के चलते विश्वविद्यालयों के अनेक विद्यार्थी व उनके अभिभावक एक जुलाई से परीक्षाएं न करवाने की बात कर रहे हैं। उनका कहना है कि दूर-दराज के विद्यार्थियों, खासतौर पर लड़कियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। जुलाई में कोरोना मामलों के और अधिक बढ़ने के अनुमानों से भी वे काफी डरे हुए हैं।