22 अप्रैल से देश में मिल रहे हैं प्रतिदिन तीन लाख से अधिक संक्रमित। 30 अप्रैल को यह आंकड़ा 24 घंटे में 4 लाख की संख्या को पार कर गया है।

ये दिए सुझाव :
- कुछ सप्ताह का लॉकडाउन लगाकर संक्रमण की चेन तोड़ी जा सकती है।
- ऑक्सीजन, दवा, बेड की कमी पूरी करने के लिए कमिशन या इमरजेंसी ग्रुप बनाया जाए।
- अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाकर लंबी अवधि के लिए कोरोना से जंग जीती जा सकती है।
सारी दुनिया। देश में कोरोना संक्रमण के दिनों दिन बढ़ते मामलों के बीच वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस को रोकने पर काम कर रहे डॉ. एंथनी फाउची (Dr. Anthony Fauci) ने महामारी की चेन को रोकने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए है। बाइडेन प्रशासन के चीफ मेडिकल ऑफिसर और कोविड-19 एक्सपर्ट डॉ. एंथनी फाउची कहा कि भारत में कोरोना संक्रमण की चेन को रोकने के लिए 6 महीने का शटडाउन करने की बजाए अस्थायी लॉकडाउन किया जा सकता है। सात अमेरिकी राष्ट्रपतियों के साथ काम कर चुके डॉ. फाउची ने कहा कि भारत में कुछ सप्ताह का लॉकडाउन संक्रमण की चेन को तोड़ सकता है। इंटरव्यू में डॉ. फाउची ने कोरोना वायरस को रोकने के लिए तत्काल, मध्यवर्ती और लंबी अवधि में किए जाने वाले उपायों के तीन चरणों का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि वैक्सीन लगाना दीर्घकालीन अवधि के लिए अच्छा उपाय हो सकता है, लेकिन फिलहाल लोगों की ऑक्सीजन, अस्पताल में एडमिट होने और इलाज से जुड़ी मौजूदा समस्याओं को कम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एक कमिशन या इमरजेंसी ग्रुप बनाना चाहिए जो ऑक्सीजन प्राप्त करने, अन्य मेडिकल सप्लाई, दवाइयां, उपकरणों की सप्लाई से जुड़ी प्लानिंग कर सके। इस काम में अन्य देशों के अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन की मदद भी ली जा सकती है। उन्होंने दूसरे देशों का भी आह्वान किया कि वे भारत की मदद के लिए आगे आएं, क्योंकि भारत ने भी दूसरे देशों के प्रति उदारता दिखाई है।
मध्यवर्ती उपायों के रूप में डॉ. फाउची ने चीन की तरह कुछ सप्ताह के अंदर अस्थाई अस्पताल तैयार करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि भारत में लोग अस्पताल और इलाज ढूंढ रहे हैं। इसमें अमेरिका की तर्ज पर सेना की मदद ली जा सकती है। अमेरिका ने वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन में नेशनल गार्ड की मदद ली थी।
वैक्सिनेशन की बात करते हुए डॉ. फाउची ने कहा कि भारत जैसे अधिक आबादी वाले देश में अभी महज दो परसेंट लोगों को ही वैक्सीन लग पाई है। यह स्थिति बहुत गंभीर है। आपको अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीन लगानी होगी। इसके लिए वैक्सीन की सप्लाई बढ़ानी होगी। वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों से बातचीत कर कॉन्ट्रैक्ट करना होगा। भारत दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक है लेकिन अभी उसे इस दिशा में लंबा रास्ता तय करना है।
डॉ. फाउची ने बताया गया कि वैक्सीन की दूसरी डोज लेने से काफी फायदा दिखा है। इसमें संक्रमण का खतरा कम होना और वायरस के प्रति प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होना शामिल है। उन्होंने कहा, ”वैक्सीन लगवाइए और अगर एक खुराक आपने ले ली है तो सुनिश्चित करिए कि दूसरी खुराक भी लगवा लें।”
डॉ. फाउची ने कहा कि वे इस आलोचना में नहीं पड़ना चाहते कि भारत ने इस पूरे मामले को कैसे संभाला है। ऐसा करने से यह राजनीतिक मुद्दा बन जाएगा। उन्होंने कहा कि वे हेल्थ सेक्टर से जुड़े हैं और कोई राजनेता नहीं हैं। आपको बता दें कि देश में कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। 22 अप्रैल को पहली बार 24 घंटे में संक्रमण का आंकड़ा तीन लाख की संख्या को पार कर गया। इसके बाद से देश में लगातार रोजाना तीन लाख से अधिक नए मामले मिल रहे हैं। 1 मई को तो पिछले 24 घंटे के दौरान 4 लाख से अधिक नए मामले पाए गए।