अपने ज़माने के बेहतरीन डांस आर्टिस्ट, सफल अभिनेता और पूर्व सांसद गोविंदा ने हिंदी सिनेमा में चल रही उठापटक और गुटबाजी पर एक बार फिर आवाज उठाई है। उन्होंने कहा है कि वर्तमान समय में कुछ मुट्ठी भर लोग ही हैं जो इस पूरी फिल्म इंडस्ट्री को अपने वश में रखे हुए हैं। वही फैसला करते हैं कि सिनेमाघरों में किसकी फिल्म को अच्छे से रिलीज किया जाना है और किसकी फिल्म को किनारे कर देना है।
आपको बता दें कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की कथित आत्महत्या के बाद हिंदी सिनेमा में लगातार वंशवाद और गुटबाजी जैसे मुद्दों पर चर्चाएं हो रही हैं। इसी चर्चा का हिस्सा बनते हुए गोविंदा ने अपने साथ हुए अनुभवों को साझा किया है। उन्होंने बताया कि इस इंडस्ट्री में पक्षपात और गुटबाजी जैसी चीजें आम बात है। इस को नकारा नहीं जा सकता। गोविंदा ने कहा है कि यहां पर अब सिर्फ कुछ लोगों की ही चलती है।
गोविंदा ने कहा, ‘कुछ समय पहले यहां सिर्फ उन लोगों को काम मिलता था जो हुनरमंद होते थे। हर फिल्म को सिनेमाघरों में बराबरी का दर्जा दिया जाता था। लेकिन, आज के समय में कुछ चार-पांच लोग ही हैं जो इस पूरे व्यापार पर तानाशाही करते हैं।’
उन्होंने आगे कहा- ‘वही फैसला करते हैं कि कौन सी फिल्म को अच्छे से सिनेमाघरों में रिलीज किया जाना है और कौन सी को नहीं। मेरी खुद की कुछ अच्छी फिल्मों को सिनेमाघरों में ठीक से रिलीज नहीं होने दिया गया। लेकिन, अब चीजें बदल रही हैं।’
फिल्म इंडस्ट्री में वंशवाद के मुद्दे पर भी गोविंदा ने अपनी बेटी टीना आहूजा को लेकर बात रखी। उन्होंने कहा, ‘मैंने उसके लिए कभी कोई बात नहीं की। अगर मैंने ऐसा किया होता तो शायद उसके लिए चीजें कुछ अलग हो सकती थीं। वह अपना रास्ता खुद बनाने में विश्वास रखती है। लेकिन, वह सफलता तभी हासिल कर पाएगी जब उसका समय आएगा।’
गौरतलब है कि सुशांत की मौत के बाद फ़िल्म इंडस्ट्री दो हिस्सों में बंट गई है और एक हिस्सा लगातार सलमान खान, कारण जौहर, एकता कपूर सहित कुछ लोगों पर नेपोटिज्म और मनमानी करने का आरोप लगाता रहा है।