ओलंपिक खेलों में हरियाणवीं खिलाड़ी
हरियाणा आज खेलों के क्षेत्र में बड़ी ताकत के रूप में उभरा है। एक नवंबर 1966 को अस्तित्व में आए इस छोटे से राज्य में देश की लगभग 2% आबादी निवास करती है, जबकि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यहां के खिलाड़ियों की हिस्सेदारी कई गुना अधिक है। उदाहरण के तौर पर देखें तो 2016 के रियो ओलंपिक खेलों में भारत के कुल 117 खिलाड़ियों ने भाग लिया था, जिनमें हरियाणा के खिलाड़ियों की संख्या 23 थी। अर्थात रियो में हरियाणा की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत के करीब रही। इसी तरह 2012 के लंदन ओलंपिक खेलों में भी हरियाणा के लगभग 20 प्रतिशत प्रतिशत खिलाड़ियों ने क्वालीफाई किया था। आगामी टोक्यो ओलंपिक के लिए भी प्रदेश के 31 खिलाड़ी क्वालीफाई कर चुके हैं, जो कुल भारतीय खिलाड़ियों का लगभग एक चौथाई बनते हैं। भारत के अभी तक 116 खिलाड़ियों ने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है। इनमें हरियाणा का दल सबसे बड़ा है। पैरालंपिक खेलों के लिए चुने गए 24 खिलाड़ियों में भी हरियाणा की हिस्सेदारी एक तिहाई के करीब है।
पदकों की बात करें, तो रियो में भारत को 2 पदक हासिल हुए थे, जिनमें से 1 पदक हरियाणा की पहलवानी साक्षी मलिक ने जीता था। लंदन ओलंपिक्स में देश के लिए छह खिलाड़ियों ने मेडल जीते थे, जिनमें से चार का संबंध हरियाणा से रहा। कांस्य पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त यहां के निवासी हैं, जबकि कुश्ती में दूसरा ओलंपिक पदक जीतने वाले पहलवान सुशील कुमार, शटलर साइना नेहवाल और शूटर गगन नारंग का भी हरियाणा की धरती से गहरा रिश्ता रहा है। इससे और थोड़ा सा पीछे जाएं तो 2008 के बीजिंग ओलंपिक खेलों में भारत ने एक स्वर्ण और दो कांस्य पदकों सहित कुल 3 पदक जीते थे, जिनमें से एक कांस्य पदक भिवानी के मुक्केबाज विजेंद्र सिंह ने हासिल किया जबकि दूसरा कांस्य पदक हरियाणा से जुड़े पहलवान सुशील कुमार ने जीता।
मुक्केबाजी में देश के लिए पहला Olympic medal जीतने का श्रेय विजेंद्र सिंह को ही जाता है। इसी तरह साक्षी मलिक देश की पहली महिला पहलवान हैं जिन्होंने ओलंपिक पदक जीता है। हरियाणा की गीता फोगाट पहली महिला पहलवान हैं जिन्हें ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने का गौरव हासिल हुआ। गीता ने 2012 London Olympics में 55 किलोग्राम भार वर्ग में हिस्सा लिया था। 2016 रियो ओलंपिक खेलों में 3 महिला पहलवानों ने भाग लिया और यह तीनों ही हरियाणा की हैं। यानी, अभी तक ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाली सभी महिला पहलवान हरियाणा की रही हैं।
कुश्ती में हरियाणा के पहलवानों का खास दबदबा रहा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण ये है कि इस बार टोक्यो ओलंपिक खेलों के लिए प्रदेश के 8 पहलवानों ने क्वालीफाई किया है। यह मौका होगा, जब हरियाणा के 8 पहलवान ओलंपिक में हिस्सा लेंगे। ओलंपिक कोटा हासिल करने वालों में रवि कुमार, बजरंग पुनिया, दीपक पुनिया, विनेश फोगाट, अंशु मलिक, सोनम मलिक, सुमित मालिक और सीमा बिसला शामिल हैं। इनमें से विनेश फौगाट सहित कई खिलाड़ियों से पदक की उम्मीद है। पिछली बार 2016 के रियो ओलंपिक खेलों में योगेश्वर दत्त, संदीप तोमर, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, बबिता कुमारी, हरदीप और रविंद्र खत्री सहित सात पहलवानों ने अलग-अलग भार वर्गों में हिस्सा लिया था और गर्व की बात है कि ये सभी खिलाड़ी हरियाणा से हैं। इससे पहले 2012 लंदन ओलंपिक खेलों में पांच कुश्ती खिलाड़ियों ने शिरकत की थी, जिनमें से तीन हरियाणा से थे।
कुश्ती की तरह ही मुक्केबाजी में भी हरियाणा के खिलाड़ियों का विशेष योगदान रहा है। 2012 लंदन ओलंपिक्स में हरियाणा के पांच मुक्केबाज विजेंद्र सिंह, विकास कृष्ण यादव, मनोज कुमार, सुमित सांगवान और जय भगवान ने भाग लिया था जबकि 2016 रियो ओलंपिक में भाग लेने वाले 3 खिलाड़ियों, शिव थापा मनोज कुमार और विकास कृष्ण यादव में से शिव थापा को छोड़कर शेष दोनों मुक्केबाज हरियाणा के थे। टोक्यो ओलंपिक खेलों के लिए भी विकास कृष्ण, मनीष कौशिक, पूजा रानी निवासी भिवानी, अमित पंघाल रोहतक सहित प्रदेश के चार मुक्केबाज क्वालीफाई कर चुके हैं। इनके अलावा पलवल से अभिषेक वर्मा, पंचकूला से यशविस्नी सिंह देशवाल, झज्जर से मनु भाकर और यमुनानगर के संजीव राजपूत शूटिंग की स्पर्धाओं में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपडा पानीपत, झज्जर के राहुल और महेंद्रगढ़ के एथलेटिक संदीप कुमार भी ओलंपिक का हिस्सा होंगे।
पैरालंपिक खेलों में भी हरियाणा की धाक रही है। 2016 रियो पैरालंपिक खेलों की बात करें तो इन खेलों में भाग लेने वाले 19 खिलाड़ियों में से कई हरियाणा के थे। रियो पैरालंपिक्स में भारत के 4 खिलाड़ियों ने पदक जीते। इन खेलों में हरियाणा की दीपा मलिक ने इतिहास रचते हुए महिलाओं की शॉटपुट स्पर्धा में रजत पदक हासिल किया और पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली देश की पहली महिला खिलाड़ी बनीं। इसी के साथ दीपा ने पैरालंपिक खेलों के इतिहास में भारत की ओर से पदक जीतने वाली सबसे उम्रदराज खिलाड़ी होने का गौरव भी हासिल किया। दीपा ने एफ-53 वर्ग में 4.61 मीटर दूर गोला फेंका। टोक्यो के लिए अभी तक चुने जा चुके पैरालंपिक खिलाड़ियों में भिवानी की अरुणा, हिसार के बैडमिंटन खिलाड़ी तरुण, फरीदाबाद के शूटिंग खिलाड़ी मनीष और ओमप्रकाश शामिल हैं।
महिला हॉकी एक अन्य खेल है जिसमें हरियाणा की खिलाड़ी छाई रही हैं। इस खेल में हरियाणा की बढ़ती ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है इस बार टोक्यो ओलंपिक के लिए चुनी गई भारतीय महिला हॉकी टीम में आधी से ज़्यादा खिलाड़ी हरियाणा की हैं। टीम का नेतृत्व भी हरियाणा की रानी रामपाल को सौंपा गया है, जो कुरुक्षेत्र की रहने वाली हैं और शाहबाद खेल नर्सरी की पैदाइश हैं। उनके अलावा कुरुक्षेत्र जिले की ही नवजोत कौर व नवनीत कौर (शाहबाद नर्सरी), सोनीपत जिले से मोनिका मलिक, नेहा गोयल व निशा, हिसार से शर्मिला और उदिता तथा सिरसा से सविता पूनिया राष्ट्रीय टीम में चुनी गई हैं। हरियाणा की रानी रामपाल को भारतीय हॉकी टीम का कप्तान बनाया गया है। 36 साल के बाद रियो ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाली हॉकी टीम में भी प्रदेश की छह खिलाड़ी शामिल थीं। कुरुक्षेत्र की रानी रामपाल व नवजोत कौर, सिरसा की सविता पूनिया, सोनीपत की मोनिका मलिक, यमुनानगर की दीपिका ठाकुर और हिसार की पूनम मलिक ने रियो ओलंपिक खेलों में शानदार प्रदर्शन कर देश और प्रदेश का नाम रोशन किया था। पुरुष हाकी की बात करें तो उसमें भी हरियाणा के दो खिलाड़ी, मिडफील्डर सुमित कुमार (कुराड़, सोनीपत) और डिफेंडर सुरेंदर कुमार (बराना, करनाल) टोक्यो ओलंपिक्स में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। टीम में चुने गए पंजाब के गुरजंट सिंह भी 2011 से 2016 तक हरियाणा के लिए खेलते रहे हैं।
– अविनाश सैनी
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