सामान्य श्रेणी में आवेदन करने वाले अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है।
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एक मामले में साफ कर दिया है कि अगर अनुसूचित जाति का कोई उम्मीदवार सामान्य श्रेणी के लिए आरक्षित सीट पर आवेदन करता है तो वह अनुसूचित जाति के तौर पर मिलने वाले लाभ का हकदार नहीं है। चीफ जस्टिस पर आधारित बेंच ने यह फैसला एक व्यक्ति की अपील को खारिज करते हुए सुनाया।
मामले में याचिकाकर्ता ने एकल बेंच के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें बेंच ने उसकी याचिका को खारिज कर दिया था। याची ने हाईकोर्ट को बताया कि वह अनुसूचित जाति से संबंध रखता है और उसकी आयु 47 साल है। उसने हरियाणा में सहायक के पद के लिए आवेदन किया था। हरियाणा सरकार के नियमों के अनुसार हरियाणा में सरकारी नौकरी के लिए अधिकतम आयु 42 साल है, जबकि अनुसूचित जनजाति के लिए 5 साल की छूट है।इसलिए याचिकाकर्ता ने अनुसूचित जाति का होने के नाते आयु में छूट का लाभ देने के लिए अपील की थी।
परन्तु अब अदालत ने फैसला दिया है कि सामान्य श्रेणी की सीट पर आवेदन करने के कारण याचिकाकर्ता अनुसूचित जाति को मिलने वाले लाभ का हकदार नहीं है।