हरियाणा सरकार ने काला पीलिया के साथ साथ हैपेटाइटिस बी की भी निशुल्क जांच करने का निर्णय किया है। लगभग दो माह पहले हैपेटाइटिस बी के मरीजों को निःशुल्क दवाइयां देने की शुरु की गई थी, जिसका प्रदेश के काफी मरीजों को फायदा हुआ है। निःशुल्क उपचार की सुविधा पाने के लिए मरीज के पास हरियाणा का आधार कार्ड होना चाहिए।
योजना के पहले चरण में हैपेटाइटिस बी की मुफ्त जांच व दवाइयों की सुविधा प्रदेश के मॉडल ट्रीटमेंट सेंटर, पीजीआईएमएस के गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग में शुरू की गई है। मॉडल ट्रीटमेंट सेंटर, गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष तथा सीनियर प्रोफेसर डॉ. प्रवीण मल्होत्रा की देखरेख में काम कर रहा है। यहां से प्रदेश के सभी सिविल अस्पतालों में भी इसकी सुविधा पहुंचाई जा रही है।
आपको बता दें कि हैपेटाइटिस-बी के एक टेस्ट की कीमत बाजार में करीब पांच हजार रुपए तक है। डॉ. मल्होत्रा के अनुसार, काला पीलिया दो प्रकार का होता है, हैपेटाइटिस बी एवं सी। वर्ष 2013 से हरियाणा सरकार द्वारा हैपेटाइटिस-सी का निःशुल्क टेस्ट व इलाज दिया जा रहा था, परंतु अब सरकार हैपेटाइटिस-बी का भी मुफ्त उपचार उपलब्ध करवाने जा रही है।
डॉ. मल्होत्रा ने बताया कि यदि इन मरीजों का समय पर उपचार नहीं होता, तो इनका लीवर खराब हो जाता है। आमतौर पर इसका उपचार लीवर ट्रांसप्लांट होता ही है, जिस पर लाखों रुपए खर्च होते हैं। ऐसा नहीं होने पर मरीज को बचाना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा कि हैपेटाइटिस-सी के उपचार के लिए आने वालों को विभाग द्वारा एंडोस्कोपी, क्लोनोस्कोपी, कैप्सूल एंडोस्कोपी, फाइब्रोस्कैन टैस्ट व भर्ती की सुविधा बगैर किसी शुल्क व वेटिंग के पिछले लगभग दस वर्षों से दी जा रही है। अब तक विभाग द्वारा 34 हजार एंडोस्कोपी व 16 हजार फाइब्रोस्कैन टेस्ट बिल्कुल मुफ्त करते हुए काला पीलिया के हजारों मरीजों का इलाज किया जा चुका है। कोरोना के संकट काल में चल रहे लॉकडाउन में भी प्रतिदिन 20 के करीब मरीज इन सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं। इन मरीजों के उपचार में 20 सदस्यों की टीम तैनात हैं।