ज्यों ज्यों लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, Congress और भाजपा सहित सभी बड़ी पार्टियां एक दूसरे में सेंधमारी कर रही हैं। कई राज्यों में कांग्रेस के कई बड़े नेता पार्टी को अलविदा कहकर भाजपा का दामन थाम चुके हैं। लेकिन हरियाणा की बात करें तो यहां मामला कुछ अलग है। चुनावों की आहट होते ही BJP के कुनबे में अफरातफरी का माहौल दिखाई देने लगा है। उसके नेता लगातार पार्टी छोड़ते जा रहे है। अभी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी को एक और बड़ा झटका लगा है। भाजपा से सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह ने भाजपा को बाय बाय कह कर कांग्रेस ज्वॉइन कर ली है।
यह भी देखने वाली बात है कि कांग्रेस join करने के तुरंत बाद बृजेंद्र सिंह सीधे भूपेंद्र सिंह हुड्डा के दिल्ली स्थित आवास पर पहुंचे और पूर्व मुख्यमंत्री से मुलाकात की। पिछले दिनों खुद बीरेंदर सिंह ने कहा था कि उन्होंने भूपेन्द्र हुड्डा से मुलाक़ात की थी। इससे साफ ज़ाहिर है कि बृजेन्द्र सिंह के भाजपा छोड़ने की पटकथा काफी पहले लिखी जा चुकी थी और हो न हो, उसके सूत्रधार भूपेन्द्र हुड्डा ही थे। सूत्रों की मानें तो बहुत ही जल्द बीरेंद्र सिंह भी भाजपा को Tata कहने वाले हैं। वे जींद या हिसार में एक बड़ी रैली करके कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। इस रैली में कांग्रेस के अन्य बड़े नेताओं सहित राहुल गांधी के भी शामिल होने की संभावना है।
आपको बता दें कि राजनीति के बड़े खिलाड़ी भूपेन्द्र हुड्डा और उदयभान अब तक बीजेपी-जेजेपी व अन्य पार्टियों से 30 से ज्यादा पूर्व विधायकों और पूर्व मंत्रियों को कांग्रेस में शामिल करवा चुके हैं। एक-तरफ जहां BJP पूरे देश में Congress पार्टी के नेताओं को तोड़ रही है, वहीं भूपेंद्र सिंह हुड्डा लगातार हरियाणा भाजपा में सेंधमारी कर रहे हैं। चर्चा तो यह भी है कि लोकसभा प्रत्याशियों की घोषणा के बाद भाजपा में और बड़ी टूट होने वाली है। सूत्रों की मानें तो भाजपा के 2 – 3 और sitting MP कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। किसी समय ये नेता हुड्डा के बेहद करीबी रहे हैं। चर्चा है कि भिवानी-महेन्दरगढ़ से सांसद धर्मवीर सिंह, रोहतक से सांसद अरविंद शर्मा और सोनीपत से सांसद रमेश कौशिक की टिकट पर तलवार लटकी हुई है। इनमें से जिस भी नेता की भी टिकट कटेगी, वह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस में शामिल हो सकता है। ज़ाहिर है कि भाजपा भी खामोश नहीं रहेगी और कांग्रेस नेताओं को तोड़कर नुकसान की भरपाई करना चाहेगी। ऐसे में देखना यह है कि कौन किस पर भारी पड़ता है।