आठ साल से जेबीटी (जूनियर बेसिक ट्रेंड) शिक्षकों की भर्ती नहीं होने से हरियाणा के जेबीटी पास हजारों युवाओं के शिक्षक पात्रता परीक्षा (एचटेट) पास सर्टिफिकेट के रद्दी होने का खतरा मंडराने लगा है।
हाई कोर्ट में मौलिक शिक्षा निदेशक प्रदीप कुमार ने हलफनामा देकर 2 मई तक 5695 पदों पर भर्ती कराने की बात कही थी, लेकिन अभी तक भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के अध्यक्ष सीएन भारती और महासचिव जग रोशन ने बताया कि प्राथमिक शिक्षकों के करीब 9000 पद खाली हैं।इनमें 6048 पदों पर अतिथि अध्यापक सेवाएं दे रहे हैं जिन्हें भरा हुआ पद माना जाना चाहिए। इसके बावजूद 3048 पद रिक्त हैं। इसके अलावा करीब 2000 पद जेबीटी शिक्षकों को टीजीटी पदों पर प्रमोशन दिए जाने से रिक्त हो चुके हैं। करीब 1000 पद रिटायरमेंट और शिक्षकों के निधन सहित अन्य कारणों से रिक्त हैं, जबकि 2000 पद जेबीटी शिक्षकों को पदोन्नति देकर खाली हो सकते हैं।
भारती ने कहा कि कुल मिलाकर विभाग में करीब आठ हजार जेबीटी शिक्षकों को नौकरी दी जा सकती हैं। इसके उलट प्रदेश सरकार ने रिक्त पदों को भरने की बजाय शिक्षक और छात्रों का अनुपात 25 से 30 करके पदों को समाप्त करने का प्रयास किया। हालांकि इसका तीखा विरोध होने पर सरकार को यह फैसला वापिस लेने पर मजबूर होना पड़ा।
उन्होंने कहा कि आठ साल बीतने पर भी नियमित जेबीटी भर्ती का कोई विज्ञापन नहीं निकलने से इस महीने के अंत में हजारों युवाओं के एचटेट प्रमाणपत्रों की वैधता खत्म हो जाएगी, जो इन युवाओं से घोर अन्याय होगा। उन्होंने कहा कि तुरंत जेबीटी अध्यापकों की भर्ती निकाली जाए।