हिसार के बरवाला से जजपा विधायक जोगी राम सिहाग ने हरियाणा आवास बोर्ड के चेयरमैन का पद लेने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा है कि वे किसानों को लेकर पारित किए गए तीन कृषि विधेयकों के विरोध में ऐसा कर रहे हैं। वे इन कानूनों को किसी भी तरह से किसानों के हित में नहीं मानते, इसीलिए वे इस पद को ग्रहण नहीं करेंगे। बता दें कि 15 अक्टूबर को हरियाणा सरकार ने भाजपा के 8 और जजपा क 4 नेताओं को विभिन्न बोर्डों और निगमों का चेयरमैन बनाने का निर्णय लिया था। इसी के तहत जोगीराम सिहाग को हरियाणा आवास बोर्ड का चेयरमैन घाेषित किया गया था। मगर अगले ही दिन, 16 अक्टूबर को एक प्रेस वार्ता कर जोगीराम सिहाग ने यह पद अस्वीकार करने का ऐलान कर दिया।
जोगीराम सिहाग के इस कदम से उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इससे पूर्व नारनौंद के विधायक रामकुमार गौतम और टोहाना के विधायक देवेंद्र बबली भी बगावती सुर बुलंद कर चुके हैं। रामकुमार गौतम तो खुलेआम दुष्यंत का विरोध कर चुके हैं, जबकि देवेंद्र बबली भी कई बार विवादास्पद बयान दे चुके हैं। अब जोगीराम सिहाग के पार्टी लाइन से अलग रुख अपनाने से दुष्यंत का संकट और बढ़ गया है। यह भी कहा जा रहा है कि जोगीराम सिहाग मंत्री जैसा बड़ा पद मिलने की उम्मीद कर रहे थे, मगर उन्हें चैयरमैन के रूप में अपेक्षाकृत कमतर जिम्मेदारी दी गई।
यह भी काबिलेगौर है कि जोगीराम सिहाग काफी मुखर विधायक हैं। वे लोगों के बीच रहकर काम करने को लेकर काफी चर्चा में रहते हैं और विभिन्न मुद्दों पर खुलकर टिप्पणी करते हैं। अब देखने की बात यह है कि जोगीराम सिहाग के इस कदम पर जजपा के अन्य विधायकों की क्या प्रतिक्रिया रहती है। रामकुमार गौतम इस सिलसिले में ज़रूर कोई न कोई तल्ख टिप्पणी कर सकते हैं।