केन्द्र सरकार ने खरीफ की 14 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 2 जून को हुई कैबिनेट की बैठक में इसकी मंजूरी दी गई। सरकार का कहना है कि नया न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) किसानों की फसल के लागत मूल्य से 50 से 83 फीसदी अधिक है।
आपको बता दें कि बढ़ती महंगाई और लागत मूल्य को ध्यान में रखकर सरकार हर साल न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करती है। अगर फसलों का बाजार भाव कम रह जाता है, तब भी सरकार तय एमएसपी पर ही किसानों से फसल खरीदती है, ताकि उन्हें नुकसान न हो। सरकार एमएसपी तय करने के बाद सरकारी एजेंसियों के जरिए अनाज, दालें और अन्य उत्पाद खरीदती है। इनमें से अनाज और दालों का इस्तेमाल गरीबों को राशन तथा ‘मिड डे मील’ बांटने में किया जाता है।
यह बात सही है कि सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा दिया है, लेकिन वायदे के बावजूद अभी भी किसानों को स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप भाव नहीं दे पाई है।