‘भारत को लॉकडाउन का काफी लाभ मिला है और सामूहिक प्रयासों के बल पर हम सैंकड़ों नागरिकों की जान बचाने में सफल रहे हैं।’ यह बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 अप्रैल को मुख्यमंत्रियों के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान कही। उन्होंने कहा कि दूसरे देशों के मुकाबले भारत बेहतर स्थिति में है। 22 मार्च को देश में लागू हुए लॉकडाउन के बाद प्रधानमंत्री ने सोमवार को चौथी बार कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति पर सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बात की। बातचीत में महामारी की स्थिति और महामारी को रोकने के लिए केंद्र तथा राज्य सरकारों द्वारा उठाए गए कदमों पर चर्चा की गई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन सहित पीएमओ के वरिष्ठ अधिकारी भी इस वर्चुअल बैठक में मौजूद रहे।
बैठक में कई राज्यों ने प्रधानमंत्री से लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने के लिए कहा। इस पर पीएम ने कहा कि लॉकडाउन आगे बढ़ेगा या नहीं, इस पर अंतिम फैसला 3 मई को ही लिया जाएगा। हालांकि उन्होंने स्पष्ट संकेत दिए कि हॉटस्पॉट वाले इलाकों में लॉकडाउन में छूट नहीं मिल पाएगी। उन्होंने लॉक डाउन के दौरान आर्थिक गतिविधियों के संचालन का फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में महामारी का प्रकोप अधिक है, वहां पाबंदियां जारी रहेंगी, जबकि कम प्रभावित राज्यों में जिलों को क्रमवार छूट दी जा सकती है। मोदी ने कहा कि राज्य अपनी जरूरतों के लिहाज से निर्णय लें और योजना बनाएं कि रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन को किस तरह खोलना है। आपको बता दें कि बैठक में 9 मुख्यमंत्रियों ने अपनी बात कही, जिनमें से 4 ने लॉकडाउन बढ़ाने का आग्रह किया।
ओडिशा, मेघालय, गोवा और हिमाचल के मुख्यमंत्रियों ने की 3 मई के बाद भी लॉकडाउन बढ़ाने की मांग
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने और एक महीने के लिए लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इसके बगैर वे राज्य में कोरोना का सामना नहीं कर पाएंगे। उनके साथ राज्य के स्वास्थ्य मंत्री नबा दास भी वीडियो कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे। दूसरी ओर, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने लॉकडाउन बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि उनका राज्य अंतर-राज्यीय और अंतर-जिला गतिविधियों पर प्रतिबंध जारी रखेगा। इसके बावजूद ग्रीन जोन में कुछ बंदिशों के साथ गतिविधियों को अनुमति दी जाएगी। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन को और आगे तक के लिए बढ़ाना चाहिए। इसमें राज्य के भीतर आर्थिक गतिविधियों को छूट देनी चाहिए, लेकिन सीमाओं को सील किया जाना चाहिए। लोकडाउन बढ़ाने का सुझाव देते हुए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रधानमंत्री से पर्याप्त संख्या में वेंटिलेटर उपलब्ध करवाने की भी मांग की।
बैठक के दौरान मिजोरम के मुख्यमंत्री ने कहा कि जो केंद्र सरकार का फैसला होगा उसे राज्य स्वीकार करेगा। पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने राज्य के कोरोना योद्धाओं के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) और अन्य चिकित्सा उपकरण प्रदान करने के लिए केंद्र के हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने तीन मई को लॉकडाउन खत्म होने पर उद्योगों को शुरू करने की इच्छा जाहिर की और कोविड-19 से लड़ने के लिए भारत सरकार से वित्तीय सहायता मांगी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने सुझाव दिया कि मनरेगा के तहत रोजगार की वर्तमान अवधि को 100 दिनों से बढ़ाकर 150 दिन कर दिया जाए। रावत ने बताया कि राज्य के आर्थिक पुनरुद्धार के लिए मंत्रियों और विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया गया है।
बैठक में अरविंद केजरीवाल (दिल्ली), उद्धव ठाकरे (महाराष्ट्र), ईके पलानीस्वामी (तमिलनाडु), ममता बैनर्जी (बंगाल) और योगी आदित्यनाथ (उत्तर प्रदेश) सहित कई मुख्यमंत्री शामिल थे। इनमें से मेघालय, मिजोरम, पुड्डुचेरी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, बिहार, गुजरात और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों को बैठक में बोलने का मौका मिला। अन्य मुख्यमंत्रियों ने लिखित में अपने सुझाव दिए। केरल के मुख्यमंत्री ने बैठक में भाग नहीं लिया। उनकी जगह राज्य के मुख्यसचिव वीडियो कांफ्रेंसिंग में शामिल हुए।