सारी दुनिया
Menu
  • होम
  • हमारे बारे में
  • समाचार
    • ख़ास-ख़बर
    • ताजा खबर
    • बीच बहस में
    • हरियाणा
    • देश-दुनिया
    • खेल
    • विज्ञान
    • अर्थ जगत
    • आधी दुनिया
  • विचार
    • समाज
    • अर्थशास्त्र
    • राजनीति
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
    • कृषि
    • मेरी दुनिया की बात
    • संपादकीय
    • रोशन है जिनसे दुनिया
    • प्रेरक प्रसंग
  • साहित्य-संस्कृति
    • कथा कहानी
    • कविता
    • गीत ग़ज़ल
    • साक्षात्कार
    • जीवन परिचय
    • संस्मरण
    • सांझी विरासत-सांझी संस्कृति
  • सरहद पार से
  • कैरियर
  • मनोरंजन
  • बिजनेस
  • काम की बात
  • अन्य
  • सम्पर्क करें
Menu

नहीं रहे एमडीएच के मालिक महाशय धर्मपाल

Posted on December 3, 2020December 3, 2020 by अविनाश सैनी (संपादक)

देश के सबसे बुजुर्ग विज्ञापन स्टार और प्रसिद्ध मसाला ब्रांड ‘एमडीएच’ यानी, महाशियां दी हट्टी के मालिक ‘महाशय’ धर्मपाल गुलाटी नहीं रहे। उन्होंने गुरुवार, 3 दिसंबर को सुबह आखिरी सांस ली। वे 98 वर्ष के थे। महाशय धर्मपाल गुलाटी को ‘एमडीएच अंकल’, ‘दादाजी’, ‘मसाला किंग’ और ‘मसालों के राजा’ के नाम से जाना जाता था। वह मसाला ब्रांड ‘एमडीएच’ के मालिक और सीईओ थे। देश-विभाजन के समय पाकिस्तान से दिल्ली आने के बाद आजीविका के लिए तांगा चलाने वाले महाशय धर्मपाल वर्तमान में 2000 करोड़ रुपए से ज्यादा के कारोबार वाली कंपनी के मालिक थे।

महाशय धर्मपाल गुलाटी का जन्म 1919 में पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था। उसी वर्ष उनके पिता ने वहां ‘महाशियां दी हट्टी’ के नाम से मसाले की दुकान खोली थी। सन 1947 में विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया। शुरू में गुलाटी परिवार अमृतसर में शरणार्थी के रूप में रहा। लेकिन बाद में धर्मपाल गुलाटी अपने बहनोई के साथ दिल्ली आ गए। तब उनके पास पिता के दिए हुए 1500 रुपए थे। इससे उन्होंने एक तांगा खरीदा और ज़िन्दगी की नई शुरुआत की।

तांगे का उनका कसम कुछ अच्छा नहीं चला। इसलिए उन्होंने अपने पुराने व्यवसाय को अपनाने का फैसला किया और करोल बाग इलाके में स्थित अपने घर पर ही मसाला पीसने और बेचने का का काम शुरू कर दिया। धीरे-धीरे उनका काम बढ़ता चला गया और वे मसाला व्यापारी के तौर पर जाने जाने लगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार, जब उनका कारोबार बढ़ गया तो 1953 में गुलाटी ने चांदनी चौक में एक दुकान किराए पर ले ली। इसका नाम उन्होंने अपनी सियालकोट वाली दुकान के नाम पर ‘महाशियां दी हट्टी’ (एमडीएच) रखा और अपने काम को फैलाना शुरू कर दिया। यहीं पर धर्मपाल गुलाटी ने 1959 में एमडीएच कंपनी की स्थापना की। इसके लिए उन्होंने कीर्ति नगर में जमीन खरीदकर एक विनिर्माण इकाई स्थापित की।

जल्दी ही महाशय धर्मपाल का व्यापार पूरे देश में फैल गया और वे मसालों के बड़े वितरक और निर्यातक बन गए। वर्तमान में एमडीएच कंपनी लगभग 50 विभिन्न प्रकार के मसालों का निर्माण करती है। कंपनी की देशभर में 15 फैक्ट्रियां हैं और वह दुनियाभर में अपने उत्पाद बेचती हैं।कंपनी उत्तर भारत के 80 प्रतिशत मसाला-बाजार पर कब्जे का दावा करती है। एमडीएच मसालों के खरीददारों में यूके, यूरोप, यूएई, कनाडा जैसे देश भी शामिल हैं। उनके मुनाफे का अंदाज़ा यदि बात से लगाया जा सकता है कि 2017 में गुलाटी भारत के सबसे अधिक वेतन पाने वाले एफएमसीजी (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) सीईओ बन गए थे। सूत्रों के मुताबिक, 2018 में उन्हें 25 करोड़ रुपए इन-हैंड सैलरी मिली थी।

यह भी कहा जाता है कि महाशय धर्मपाल अपने वेतन का 90 फीसदी हिस्सा दान कर देते थे। एक बार उन्होंने कहा था कि उनके वेतन का लगभग 90 फीसदी भाग चैरिटी में जाता है। उन्होंने अपने पिता के नाम पर एक धर्मार्थ ट्रस्ट शुरू किया, जो झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों के लिए 250 बेड का अस्पताल चलाता है। साथ ही उनके द्वारा गरीबों के लिए चार स्कूल भी चलाए जा रहे हैं।

महाशय जी सिर्फ पांचवीं कक्षा तक पढ़े थे। आगे की शिक्षा के लिए वह स्कूल नहीं गए। भले ही उन्हें किताबी ज्ञान अधिक नहीं था, लेकिन बिजनेस के क्षेत्र में बड़े-बड़े दिग्गज उनका लोहा मानते थे। उम्र के इस पडाव में भी वे कारोबार संबंधी सभी बड़े फैसले खुद लेते थे। वह अपनी कंपनी और उत्पाद के लिए तीन पहलुओं को बेहद महत्वपूर्ण मानते थे, जिनमें ईमानदारी से काम, गुणवत्ता वाले उत्पाद और सस्ती कीमतें शामिल हैं। गुलाटी कंपनी में करीब 80 प्रतिशत हिस्सेदारी के मालिक थे। वह नियमित रूप से अपने कारखाने और बाजार का दौरा करते थे। इतना ही नहीं, धर्मपाल गुलाटी अपने उत्पादों का प्रचार भी खुद ही करते थे। अक्सर आपने उन्हें टीवी पर अपने मसालों के बारे में बताते हुए देखा होगा। उन्हें दुनिया का सबसे उम्रदराज “एड स्टार” माना जाता था। देशभर में लोग उन्हें ‘एमडीएच अंकल’ के नाम से जानते हैं।

व्यापार और उद्योग के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए महाशय जी को 2019 में प्रतिष्ठित पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनके निधन पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सहित अनेक जानी-मानी हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है।

Post Views: 1,568

सम्बंधित समाचार

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ताजा ख़बरें

  • Nagaland में पहली बार ज़ीरो परसेंट वोटिंग/ पूर्वी नागालैंड में लोगों ने अपनाया विरोध का अजब तरीका, 4 लाख से अधिक मतदाताओं वाले 6 ज़िलों में नहीं पड़ा एक भी वोट
    पृष्ठ: ताजा खबर, राजनीति, राजनीति, समाचार
    April 20, 2024
    सारी दुनिया। लोकसभा चुनाव 2024 के पहले दौर का मतदान 19 अप्रैल को सम्पन्न हो गया है। ...पूरी खबर पढ़ें
  • बृजेंद्र सिंह को कांग्रेस में शामिल करवा कर भूपेंद्र हुड्डा ने फिर लगाई बीजेपी में सेंध, और भी कई बड़े नाम हैं कतार में
    पृष्ठ: Uncategorized, राजनीति, राजनीति, समाचार
    March 11, 2024
    ज्यों ज्यों लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, Congress और भाजपा सहित सभी बड़ी पार्टियां ...पूरी खबर पढ़ें
  • हरियाणा के जाट अखाड़ा हत्याकांड के दोषी कोच को फांसी : बच्चे समेत 6 लोगों की हत्या की थी; कोर्ट ने रहम की अपील ठुकराई
    पृष्ठ: ताजा खबर, समाचार, हरियाणा
    February 23, 2024
    रोहतक। हरियाणा में 3 साल पहले हुए रोहतक के चर्चित जाट अखाड़ा हत्याकांड में कोर्ट ने 6 ...पूरी खबर पढ़ें
  • कांग्रेस संदेश यात्रा ने बढ़ाई शैलजा की ताकत
    पृष्ठ: राजनीति, राजनीति, समाचार, हरियाणा
    February 12, 2024
    – अविनाश सैनी, राजनीतिक विश्लेषक कांग्रेस के एसआरके गुट, यानी शैलजा, रणदीप ...पूरी खबर पढ़ें
  • हरियाणा विधानसभा में जींद स्कूल प्रिंसिपल द्वारा छेड़छाड़ के मामले पर हुआ हंगामा, दुष्यंत ने लगाए गीता भुक्कल पर गंभीर आरोप
    पृष्ठ: ताजा खबर, राजनीति, समाचार, हरियाणा
    December 18, 2023
    जींद में स्कूल की बच्चियों से छेड़छाड़ के मामले पर  हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन ...पूरी खबर पढ़ें

Categories

  • Uncategorized (85)
  • अर्थ जगत (5)
  • आधी दुनिया (1)
  • कथा कहानी (1)
  • कविता (14)
  • काम की बात (18)
  • कृषि (24)
  • कैरियर (7)
  • ख़ास-ख़बर (213)
  • गीत ग़ज़ल (2)
  • जीवन परिचय (7)
  • ताजा खबर (115)
  • देश-दुनिया (79)
  • प्रेरक प्रसंग (1)
  • बिजनेस (5)
  • बीच बहस में (6)
  • मनोरंजन (59)
  • मेरी दुनिया की बात (4)
  • राजनीति (21)
  • राजनीति (17)
  • रोशन है जिनसे दुनिया (3)
  • विचार (32)
  • विज्ञान (7)
  • शिक्षा (24)
  • संपादकीय (10)
  • समाचार (254)
  • समाज (22)
  • सरहद पार से (13)
  • संस्मरण (1)
  • सांझी विरासत-सांझी संस्कृति (3)
  • साहित्य-संस्कृति (33)
  • स्पोर्ट्स (42)
  • स्वास्थ्य (33)
  • हरियाणा (145)

खबर

  • April 2024 (1)
  • March 2024 (1)
  • February 2024 (2)
  • December 2023 (4)
  • October 2023 (3)
  • August 2023 (3)
  • July 2023 (1)
  • June 2023 (1)
  • May 2023 (3)
  • April 2023 (1)
  • March 2023 (1)
  • February 2023 (3)
  • January 2023 (1)
  • December 2022 (4)
  • November 2022 (1)
  • September 2022 (1)
  • July 2022 (10)
  • June 2022 (2)
  • May 2022 (1)
  • April 2022 (3)
  • March 2022 (3)
  • February 2022 (2)
  • January 2022 (5)
  • December 2021 (4)
  • November 2021 (2)
  • October 2021 (6)
  • September 2021 (6)
  • August 2021 (11)
  • July 2021 (26)
  • June 2021 (18)
  • May 2021 (26)
  • April 2021 (20)
  • March 2021 (10)
  • February 2021 (7)
  • January 2021 (4)
  • December 2020 (17)
  • November 2020 (19)
  • October 2020 (19)
  • September 2020 (8)
  • August 2020 (14)
  • July 2020 (40)
  • June 2020 (64)
  • May 2020 (18)
  • April 2020 (40)
  • March 2020 (15)
  • February 2020 (1)
  • January 2020 (5)
  • November 2019 (14)
  • October 2019 (2)
  • September 2019 (1)
  • August 2019 (1)
  • July 2019 (1)
  • June 2019 (1)
  • May 2019 (1)

हमारे पेज को लाइक जरूर करें

© 2025 सारी दुनिया | Powered by Solution Box