केंद्र सरकार ने कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 को लागू कर दिया है। यह 34 साल पुराने 1986 के कानून की जगह लेगा। नए कानून में लोगों को गुमराह करने वाले विज्ञापन दिखाने पर जेल की सजा का प्रावधान किया गया है। जाहिर है कि इससे ग्राहकों को गुमराह करने वाले विज्ञापन देने वाली कंपनियों के सामने मुसीबत खड़ी होने वाली है। नए नियम 20 जुलाई से प्रभावी हो गए हैं।
सरकार ने नए कानून के कई प्रावधानों के बारे में नोटिफिकेशन जारी किया है। इसके तहत, ग्राहकों को सबसे बड़ी राहत यह मिली है कि अब ग्राहक जहां रहता है वहीं से शिकायत दर्ज करा सकता है। इससे पहले ग्राहक को सामान खरीदने की जगह जाकर शिकायत करनी पड़ती थी।
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने एक ट्वीट करके बताया कि नए उपभोक्ता कानून को 9 अगस्त 2019 को ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से हरी झंडी मिल गई थी, जो अब 20 जुलाई से लागू होगा। याद रहे कि देश में पहला उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 24 दिसंबर 1986 को लागू हुआ था।
नए कानून को लाने का एक उद्देश्य देशभर की उपभोक्ता अदालतों में बड़ी संख्या में लंबित पड़े मामलों को हल करना भी था। इस कानून में उपभोक्ताओं की शिकायतों को तेजी से हल करने के तरीके और साधन दोनों का प्रावधान किया गया है।
नए प्रावधानों के तहत ग्राहक निर्माता और विक्रेता को कोर्ट में घसीट सकता है। वह उपभोक्ता फोरम में शिकायत करके मुआवजे की मांग भी कर सकता है। दोषी पाए जाने पर कोर्ट द्वारा निर्माता या विक्रेता को छह महीने तक जेल और एक लाख रुपए तक के जुर्माने की सजा दी जा सकती है।