केंद्र को दिया आदेश : दिल्ली को रोज 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दी जाए
दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी से हो रही मौतों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज, 7 मई को केन्द्र सरकार को फटकार लगाते हुए आदेश दिया है कि दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित की जाए। कोर्ट ने कहा कि अगर इस मामले में कोताही बरती जाती है तो उन्हें सख्त कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ेगा। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने भी राजधानी को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई करने संबंधी आदेश केन्द्र सरकार कोदिया था।
बता दें कि दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई शुक्रवार को जारी रही। अदालत ने सख्ती दिखाते हुए केंद्र से कहा है कि अगले आदेश तक दिल्ली को हर रोज 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन देनी होगी। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए केंद्र को चेतावनी भी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो उन्हें संबंधित अधिकारियों के खिलाफ आदेश पारित करना पड़ेगा। कोर्ट ने कहा, ‘जब हम 700 मीट्रिक टन कह रहे हैं तो इतनी ही ऑक्सीजन दीजिए। हमें सख्त कदम उठाने को मजबूर न करें।’
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऑक्सीजन के ऑडिट के लिए एक एक्सपर्ट पैनल बना दिया गया है, ताकि हर राज्य की जरूरत का पता लगाया जा सके। सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने बताया कि आज सुबह 9 बजे तक दिल्ली को 89 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिली थी, जबकि 16 मीट्रिक टन ट्रांसपोर्टेशन में थी।
कर्नाटक की सप्लाई भी बढ़ाने पर भी लगाई मुहर
कर्नाटक को ऑक्सीजन सप्लाई बढ़ाने के मामले में भी केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने 5 मई को केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि कर्नाटक में ऑक्सीजन सप्लाई हर रोज 965 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 1200 मीट्रिक टन की जाए। 6 मई को केंद्र सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन 7 मई को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को लेकर कोई शंका नजर नहीं आती और न ही इसके खिलाफ केंद्र की अपील पर सुनवाई की कोई वजह दिखाई देती है।